अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन वर्ष 2024 में रिटायर कर दिया जाएगा, कल्पना बन चुकी हैं इसके मिशन का हिस्सा
इस स्पेस स्टेशन से करीब 8 स्पेसशिप जुड़े हुए हैं।
धरती से करीब 400 किमी ऊपर चक्कर काट रहा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station/ISS) वर्ष 2024 में रिटायर कर दिया जाएगा। इसके साथ ही रूस इस स्टेशन के संचालन से खुद को बाहर कर लेगा। रूस की तरह से हाल ही में ये बड़ा दिया गया है। हालांकि अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि नासा को इसका सहयोग बाद में भी मिलता रहेगा। आपको बता दें कि अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन को 1998 में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था।
2030 तक अमेरिका करता रहेगा संचालन
इसके संचालन को लेकर अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा, रूस की रोस्कोस्मोस, कनाडा की कनाडा स्पेस एजेंसी/सीएसए, जापान की जेएक्सए और यूरोप की यूरोपियन स्पेस एजेंसी/ईएसए के बीच एक समझौता हुआ इसको स्थापित करने से पहले हुआ था। रूस के 2024 के बाद इससे बाहर होने के बयान के बाद अमेरिका ने कहा है कि वो इसका 2030 तक संचालन करता रहेगा। गौरतलब है कि बता दें कि दो सप्ताह पहले ही अमेरिका और रूस ने एक दूसरे के अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक पहुंचाया था।
2024 तक के लिए है समझौता
आईएसएस को लेकर पूर्व में किया गया समझौता भी 2024 तक के लिए ही है। अमेरिका की योजना 2024 के बाद इसको एक कमर्शियल स्टेशन बनाने की है। रूस ने अपने बयान के साथ ही समझौते के तहत 2024 तक इस स्टेशन में अपनी साझेदारी निभाने का भरोसा भी दिला दिया है। आईएसएस से पहले रूस ने अंतरिक्ष में मीर स्पेस स्टेशन स्थापित किया था। ये 1986 में स्थापित किया गया था और वर्ष 2001 तक इसने काम किया था। मार्च 2001 को इसको नष्ट कर दिया गया था।
ISS को लेकर रूस की तरफ से दूसरा बड़ा बयान
बता दें कि रूस ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (Internation Space Station/ISS) को लेकर इस वर्ष में दूसरी बार बड़ा बयान दिया है। इससे पहले रूस की स्पेस एजेंसी Roscosmos ने कहा था कि बिना रूस के सहयोग के आईएसएस अमेरिका या यूरोपीय संघ के ऊपर गिर जाएगा। रूस की तरफ से ये बयान इस वर्ष मार्च में दिया गया था।
अमेरिका-रूस का शीत युद्ध
International Space Station अमेरिका और रूस के बीच वर्षों पहले चले शीत युद्ध के बाद तनाव कम करने के नतीजे के रूप में सामने आया था। हालांकि, एक हकीकत ये भी है कि अमेरिका और रूस के बीच कभी भी तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। आईएसएस को लेकर रूस ने जो ताजा बयान दियान दिया है, वो इसलिए बेहद खास है क्योंकि मौजूदा समय में इस स्पेस स्टेशन में रूस के तीन अमेरिका के तीन और एक इटली का अंतरिक्ष यात्री है। नवंबर 2000 से लगातार इस स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्रियों की मौजूदगी बरकरार है।
ISS पर जा चुकी हैं कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स
भारत की कल्पना चावला और और सुनिता विलियम भी इस स्पेस स्टेशनमें काफी समय गुजार चुकी हैं। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता का तो इसको लेकर एक निजी रिकार्ड तक है। इस अंतरिक्ष स्टेशन में अब तक 20 देशों के 258 अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं। इस स्पेस स्टेशन से करीब 8 स्पेसशिप जुड़े हुए हैं।