कोविड-19 महामारी का असर दिसंबर की ही तरह दिखाई दे सकता है: जर्मनी के टॉप वायरोलॉजिस्‍ट

उनके मुताबिक पिछले वर्ष ईस्‍टर के बाद जर्मनी में मामलों में जबरदस्‍त तेजी देखने को मिली थी।

Update: 2021-03-18 05:20 GMT

जर्मनी के शीर्ष वायरोलॉजिस्‍ट क्रिश्चियन ड्रोस्‍टन ने आगाह किया है कि वहां पर एक बार‍ फिर से हालात खराब हो सकते हैं। उनका कहना है कि जर्मनी में एक बार फिर से कोविड-19 महामारी का असर क्रिसमस की ही तरह दिखाई दे सकता है। आपको बता दें कि डॉक्‍टर ड्रोस्‍टन जर्मनी के उन चुनिंदा विशेषज्ञों में से एक हैं जिनकी कही बात का असर सरकार के फैसलों पर पड़ता है। कोविड-19 महामारी की शुरुआत में और बाद में भी जर्मनी की सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए उनसे सलाह लेकर कदम आगे बढ़ाया था। इस लिहाज से उनके इस बयान की अहमियत काफी बढ़ गई है।

उनका यहां तक कहना है कि जर्मनी में कोविड-19 की तीसरी लहर आती दिखाई दे रही है। इसके लिए उन्‍होंने तेजी से वैक्‍सीनेशन करने पर जोर दिया है। डॉक्‍टर ड्रोस्‍टन ने एस्‍ट्राजेनेका वैक्‍सीन पर उठे सवालों के जवाब में कहा है कि वैक्‍सीन लेने वालों में खून के थक्‍कों का बनना एक चिंता का विषय है जिसको गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
डॉक्‍टर ड्रोस्‍टन का कहना है कि कोविड-19 का बी-117 वेरिएंट देश को मुश्किल में डाल सकता है। इस पर जल्‍द लगाम लगानी जरूरी है। इसकी वजह से देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और ये खतरे की घंटी हो सकती है। उनके मुताबिक इस वेरिएंट का सबसे पहला मामला ब्रिटेन में सामने आया था और इसकी रोकथाम में मुश्किल आई थी। जर्मनी में बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्‍होंने सरकार को आगाह किया है कि कोविड-19 मामलों के मद्देनजर देश में दोबारा क्रिसमस जैसे हालात हो सकते हैं। उनके मुताबिक पिछले वर्ष ईस्‍टर के बाद जर्मनी में मामलों में जबरदस्‍त तेजी देखने को मिली थी।


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