पाकिस्तान में आई बाढ़ ने इस बार भीषण तबाही मचाई, पश्चिमी देशों से की यूएन चीफ ने मदद की अपील
इस बाढ़ की वजह से 13000 लोग घायल हुए हैं वहीं करीब 80 लाख लोग बेघर हुए हैं।
पाकिस्तान में आई बाढ़ ने इस बार भीषण तबाही मचाई है। अब तक ये बाढ़ 1700 से अधिक लोगों की जान ले चुकी है। लाखों हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल खराब हो गई है। देश का एक तिहाई हिस्सा इस बाढ़ में प्रभावित हुआ है। करीब 65 लाख लाख लोग इसकी चपेट में आए हैं। लाखों मवेशी इस बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं। पाकिस्तान इस प्राकृतिक भीषण आपदा से खुद लड़कर उबर पाने में असमर्थ है। इसी वजह से यूएन चीफ एंटोनियों गुतेरेस ने पश्चिमी देशों से अपील की है कि वो पाकिस्तान को मदद करने के लिए आगे आए।
पश्चिमी देश मदद को आएं आगे
अपने संदेश में यूएन महासचिव ने कहा है कि ये पश्चिमी देशों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वो इस बुरे समय में पाकिस्तान की मदद करें जिससे वो अपने पांव पर दोबारा खड़े होने के काबिल हो सके। उन्होंने ये भी कहा कि प्रकृति ने पाकिस्तान के साथ अन्याय किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि औद्योगिकीकरण की राह पर चलने वाले देश पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में सबसे आगे रहते हैं। इनका इसमें करीब 80-90 फीसद तक का योगदान होता है। पाकिस्तान का पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में न के ही बराबर योगदान है। इसके बाद भी उसको इस त्रासदी को झेलना पड़ रहा है। ऐसे में पश्चिमी और अमीर देशों को पाकिस्तान की मदद को आगे आना चाहिए।
बाढ़ पर हुई डिबेट में शामिल हुए यूएन चीफ
पाकिस्तान समेत दूसरे देशों में इस वर्ष आई बाढ़ पर एक डिबेट को संबोधित करते हुए यूएन चीफ ने कहा कि आज ये पाकिस्तान में है तो कल यही हाल किसी दूसरे देश का भी हो सकता है। यूएनजीए ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पास किया है जिसमें सभी से मदद देने को कहा गया है। गौरतलब है कि यूएन चीफ ने पिछले माह ही पाकिस्तान में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया था। इसके बाद भी उन्होंने विश्व समुदाय से पाकिस्तान के लिए मदद देने की अपील की थी।
UNHCR ने भी की अपील
यूएन चीफ के अलावा यूएन रिफ्यूजी एजेंसी ने भी पाकिस्तान में मदद की अपील की है। एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान में करीब 7 लाख लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है। इनकी मदद के तौर पर खाने-पीने की चीजों के अलावा दूसरी चीजों को भी शामिल किया गया है। यूएनएचसीआर का कहना है कि इस बाढ़ की वजह से 13000 लोग घायल हुए हैं वहीं करीब 80 लाख लोग बेघर हुए हैं।