रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई 11वें दिन में पहुंची, जंग की आहट से बर्बादी तक, जब लाचार दिखे यूएन और अमेरिका

रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई 11वें दिन में पहुंच गई है

Update: 2022-03-07 14:07 GMT
नई दिल्‍ली/कीव, जेएनएन। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई 11वें दिन में पहुंच गई है। 24 फरवरी को सबको हैरान करते हुए रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। दुनियाभर में युद्ध खत्‍म करने और शांति स्‍थापित करने की अपीलें हो रही हैं। पश्चिम के देश रूस के खिलाफ लामबंद हुए और कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान कर चुके है। आइए जानते हैं अब तक जंग की प्रमुख घटनाक्रम के बारे में।
24 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूस ने दक्षिण के अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर बड़े स्तर पर सैन्य हमला शुरू कर दिया। रूस अपने हमले में यूक्रेन के समूचे सैन्य बुनियादी ढांचों को निशाना बना रहा है। साथ ही रूसी सेना सभी संभव दिशाओं से यूक्रेन में घुस रही है। तड़के टीवी पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन का एक बयान प्रसारित हुआ था, जिसमें उन्होंने यूक्रेन के पूर्वी डोनबास इलाके में 'सैन्य कार्रवाई' की घोषणा की। यहां रूसी भाषा बोलने वाले कई यूक्रेनी रहते हैं। इस इलाके कुछ हिस्सों पर 2014 से ही रूसी समर्थित विद्रोहियों का कब्‍जा है। पुतिन के इस बयान के प्रसारित होने के थोड़ी ही देर बाद यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर हमले की खबर आने लगी।
01 मार्च को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को छह दिन पूरे हुए। छठे दिन यूक्रेन के लोगों की आंख हवाई हमले का अलर्ट देने वाले सायरनों से खुली। साथ ही रूस की सेना के बड़े काफ‍िले के राजधानी कीव की तरफ बढ़ते कदमों में लोगों की सांसें थाम दीं। सेटेलाइट से मिली तस्वीरों में रूस का 60 किलोमीटर से लंबा सैन्य काफ‍िला राजधानी कीव की तरफ बढ़ता दिखा। एक टीवी पर हमले में पांच लोग मारे गए।
यूक्रेन पर रूस के हमले के पांचवें दिन भी देश में कई शहर हाई अलर्ट पर रहे। यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि युद्ध के पांचवें दिन रूसी आक्रमण में दर्जनों आम लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के दूसरे महत्वपूर्ण शहर खारकीव पर राकेट से हमला किया गया। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के पांचवें दिन युद्ध में और तेजी देखी गई। हालांकि, यह अलग बात है कि एक ओर जहां लड़ाई जारी थी वहीं बेलारूस में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बातचीत हुई। यह बैठक पांच घंटे तक चली। इसके अलावा रूस, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अलग-थलग पड़ता जा रहा है। खारकीव की आबादी 14 लाख है। राकेट से हमले में सैकड़ों लोगों के घायल होने की भी खबर है।
02 मार्च को यूक्रेन पर रूसी हमले के सातवें दिन यूक्रेन के आवासीय इलाकों में भारी बमबारी की। रूसी सेना कम से कम दो अहम शहरों मारियुपोल और खारकीव को घेरने वाली है। रूसी सेना का दावा है कि उन्होंने दक्षिण में एक और रणनीतिक रूप से अहम शहर खेरसोन पर कब्‍जा कर लिया है। हालांकि, स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि ये शहर अब भी यूक्रेन के नियंत्रण में है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि चार लाख से अधिक लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है। यूक्रेन से लोगों के पलायन का सिलसिला जारी है। बड़ी तादाद में लोग पड़ोसी देशों में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा है कि यूक्रेन में लोगों को ट्रेनों पर चढ़ने से रोका जा रहा है। यूएनएचसीआर की एक प्रवक्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि अब तक यूक्रेन से 4,22,000 लोग पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं।
यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के बैंकों पर यूरोपीय देशों के प्रतिबंधों का असर दिखा। रूस के सेंट्रल बैंक ने अपनी ब्याज दर में बड़ी बढ़ोतरी की है। रूस के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर को 9.5 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद कर दिया है। पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से रूस की मुद्रा रूबल के गिरते दामों और महंगाई पर लगाम कसने के इरादे से ये कदम उठाया गया है। मास्‍को ने कंपनियों को अपने विदेशी मुद्रा राजस्व का 80 फीसद बेचने का भी आदेश दिया है। रूसी सेंट्रल बैंक ने एक बयान में कहा कि रूसी अर्थव्यवस्था की बाहरी परिस्थितियां बहुत बदल गई हैं।
यूक्रेन ने दावा किया कि अब तक 5000 रूसी सैनिक मारे गए। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसके देश की सेना ने अब तक 5000 रूसी सैनिकों को मारा है। यूक्रेनी अधिकारियों ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा है कि पिछले चार दिन की लड़ाई में 5,300 रूसी सैनिकों को मारा गया। इस दावे के मुताबिक रूस के 191 टैंकर, 29 लड़ाकू विमान, 29 हेलिकाप्टर और सैनिकों को ले जाने वाली 816 हथियारबंद गाड़ियों को ध्वस्त कर दिया गया है।
यूक्रेन पर रूस के हमले का विरोध करते हुए अंतरराष्ट्रीय फुटबाल गवर्निंग बाडी फीफा ने और यूरोप की गवर्निंग बाडी यूएफा ने रूस के फुटबाल क्लब्स और नेशनल टीम को सभी प्रतियोगिताओं से निलंबित कर दिया है। फीफा के इस निर्णय के चलते रूस की पुरुष टीम अगले महीने अपने विश्व कप प्ले- आफ मैच नहीं खेल पाएगी। महिला टीम को भी आने वाले महीनों में होने जा रहे समर-यूरोपियन चैम्पियनशिप के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा कनाडा ने रूस से कच्चे तेल के आयात को प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसा करने वाला कनाडा जी-7 देश का पहला सदस्य देश है।
यूरोपीय संघ ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन को जल्दी ही हथियार मुहैया कराएगा। यह पहला अवसर है जब ईयू ने इस तरह का कोई फैसला लिया है। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वोन देर लेयेन ने कहा कि यह एक इतिहास बदलने वाला समय है। रूस और बेलारूस को लक्षित करने वाले नए प्रतिबंधों की भी घोषणा की। ईयू ने रूस पर कुछ और नए और पहले से कहीं अधिक कठोर प्रतिबंध लगाए। रूस के सभी विमानों को यूरोप के हवाई क्षेत्र में प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब से रूस के विमान यूरोपीय संघ के क्षेत्र में उतरने, उड़ान भरने के लिए मान्य नहीं होंगे।
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने यूक्रेन के शरणार्थियों को तुरंत राहत देते हुए शरण देने पर सहमति जताई। जर्मनी ने कहा कि यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों ने इस बात पर सर्वसम्मति जताई है कि वे यूक्रेन के शरणार्थियों को तीन साल के लिए शरण देंगे। इसके लिए शरणार्थियों को पहले आवेदन करने की आवश्‍यकता नहीं होगी। यूक्रेन पर हमले के कारण लाखों की संख्या में यूक्रेन के लोग देश छोड़कर पड़ोसी देशों और दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना को आदेश दिया है कि वो न्यूक्लियर फोर्सेज को स्पेशल अलर्ट पर रखें। अमेरिका ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और इसे अस्वीकार्य कदम बताया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की वार्ता के लिए तैयार। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेस्‍की ने बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच हुई वार्ता। इस वार्ता के बाद यह तय हुआ कि यूक्रेन का प्रतिनिधि मंडल रूसी प्रतिनिधि मंडल से बिना किसी शर्त यूक्रेन-बेलारूस सीमा पर प्रिपयात नदी के किनारे मिलेगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने वाला प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। रूस ने अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए इसे रोक दिया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूक्रेन में हमला कर रहे रूसी सैनिकों से वापस अपने बैरक में लौटने की अपील की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें हार नहीं माननी चाहिए, हमें शांति स्थापित करने के लिए एक और अवसर देना चाहिए।
खारकीव में सड़क पर जंग छिड़ने की खबर। खारकीव के आवासीय इलाकों को भी निशाना बनाया गया है। एक नौ मंजिला इमारत पर हमला किया गया। यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे से सुबह 8 बजे तक नए सिरे से कफ्यू लगा दिया गया। यहां सड़कों पर जंग छिड़ गई है। शनिवार सुबह राजधानी कीव में भारी गोलीबारी की आवाजें सुनी गई थी। कीव में प्रशासन ने कहा कि हमारे मुख्य शहर की सड़कों पर फिलहाल जंग शुरू हो चुकी है। कीव के आसपास कई धमाके सुने गए। कीव से 30 किलोमीटर दूर वासिलकीव आयल टर्मिनल को मिसाइल से निशाना बनाया गया है। कीव प्रशासन ने चेतावनी दी है कि टर्मिनल में हमले की वजह से आग लग गई है और यहां से जहरीला धुआं निकल रहा है। इसलिए सभी लोग अपने घरों की खिड़कियां बंद रखें।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्‍की ने ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। उन्होंने लिखा है कि उन्होंने पीएम मोदी को रूस के हमले की जानकारी दी और बताया कि 100,000 से ज्‍यादा हमलावर उनकी जमीन पर चले आए हैं और रिहाइशी इमारतों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे हैं। उन्होंने साथ ही लिखा कि हम भारत से आग्रह करते हैं कि वो हमें सुरक्षा परिषद में राजनीतिक समर्थन दे। हम मिलकर हमलावर को रोकें। जेलेंस्की ने फ्रांस, स्वीडन, पोलैंड, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों से बात कर उन्हें यूक्रेन के हालात की जानकारी दी और समर्थन की अपील की। जेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं पर निष्क्रियता का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि रूस को जिस तरह से जवाब दिया जाना था वैसा जवाब यूरोपीय देशों के नेताओं की ओर से नहीं आ रहा है। उन्होंने यूरोपीय देशों के नागरिकों से अपील की कि वो यूक्रेन के समर्थन में प्रदर्शन करें और अपनी-अपनी सरकारों को रूस के खिलाफ कार्रवाई को मजबूर करें।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस, बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह वार्ता यूक्रेन को न्यूट्रल स्टेटस घोषित करने को लेकर होगी, साथ ही उसे सेना की तैनाती को भी कम करना होगा। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन रूस के साथ युद्धविराम और शांति वार्ता करने के लिए तैयार है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का तर्क है कि यूक्रेन पर सैनिक कार्रवाई का मकसद यूक्रेन के लोगों को दमन से मुक्त कराना है, ताकि यूक्रेन के लोग अपना भविष्य निर्धारित कर सकें।
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