श्रीलंका से राजपक्षे परिवार की राजनीति का खात्मा, जानें परिवार को
रक्षा मंत्रालय में नंबर दो के मंत्री भी थे। चमल राजपक्षे राजनेता बनने से पहले एक पुलिस अधिकारी थे।
श्रीलंका इस समय खतरनाक राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। इस बीच मालदीव से भागकर सिंगापुर पहुंचे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ श्रीलंका से राजपक्षे परिवार की राजनीति का भी खात्मा हो गया है। एक समय ऐसा भी था, जब श्रीलंका में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और खेल मंत्री के पद पर एक ही परिवार के लोग काबिज थे। लोगों का दावा है कि इसी परिवार की गलत नीतियों के कारण देश का बेड़ा गर्क हुआ है। जो बहुसंख्यक सिंहला कभी राजपक्षे परिवार के सबसे बड़े समर्थक माने जाते थे, वही इस समय विरोध में खड़े हैं।
महिंदा राजपक्षे- प्रधानमंत्री
76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्हें राजपक्षे परिवार का सबसे करिश्माई राजनेता माना जाता है। उन्होंने पहली बार 2004 में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का पद संभाला। फिर, 2005 से 2015 तक वे श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। कुछ साल के अंतराल के बाद राष्ट्रपति बने गोटबाया राजपक्षे ने आज से तीन साल पहले महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किया।
चीन के करीबी थे महिंदा, कर्ज लेकर किया गोलमाल
महिंदा राजपक्षे को श्रीलंका में तमिल विद्रोह को कुचलने के कारण सिंहली और बौद्ध समुदाय के बीच व्यापक जनसमर्थन प्राप्त है। उनके ही कार्यकाल में दशकों से जारी श्रीलंकाई गृहयुद्ध खत्म हुआ और लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन मारा गया। महिंदा राजपक्षे को चीन का करीबी नेता माना जाता है। उनके कार्यकाल में श्रीलंका ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए चीन से करीब 7 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज लिया।
A brief history of the rise, fall of Sri Lanka's president.
72 साल के गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। महिंदा राजपक्षे के राष्ट्रपति रहते हुए गोटबाया राजपक्षे लेफ्टिनेंट के पद पर आसीन थे। वे श्रीलंकाई सशस्त्र बलों और पुलिस के प्रमुख होने के साथ रक्षा मंत्रालय के सचिव के प्रभावशाली पद पर भी तैनात थे। उनके ऊपर दर्जनों विरोधी नेताओं का अपहरण कर हत्या करवाने का आरोप भी लग चुका है। राजपक्षे परिवार ने गोटबाया को द टर्मिनेटर का नाम दिया था।
बासिल राजपक्षे- वित्त मंत्री
बासिल राजपक्षे श्रीलंका के वित्त मंत्री रह चुके हैं। उन्हें महिंदा राजपक्षे का राजनीतिक रणनीतिकार माना जाता है। उन्होंने महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल में वित्त मंत्रालय के अंतर्गत काम किया। बासिल राजपक्षे पर सरकारी टेंडरों में घुस लेने के कई आरोप लग चुके हैं। श्रीलंकाई राजनीति में बेसिल राजपक्षे को "मिस्टर टेन प्रतिशत" कहा जाता है। हालांकि, उनके ऊपर कोई भी मामला साबित नहीं हो सका।
चमल राजपक्षे- उप रक्षा मंत्री, सिंचाई मंत्री
79 वर्षीय चमल राजपक्षे को महिंदा राजपक्षे के काफी करीबी माना जाता है। जब महिंदा राष्ट्रपति थे तब चमल राजपक्षे श्रीलंकाई सरकार में जहाजरानी और उड्डयन मंत्री पद पर विराजमान थे। बाद में जब महिंदा प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने चमल को सिंचाई विभाग सौंपा। वे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के अंतर्गत आने वाले रक्षा मंत्रालय में नंबर दो के मंत्री भी थे। चमल राजपक्षे राजनेता बनने से पहले एक पुलिस अधिकारी थे।