जी-7 सम्मेलन में उत्तरी आयरलैंड को लेकर ब्रिटेन और ईयू के बीच बढ़ा विवाद
इंग्लैंड में जी-7 के शिखर सम्मेलन के आयोजन के बीच ब्रेक्जिट के कुछ समझौते को लेकर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच तनाव गहरा गया है।
इंग्लैंड में जी-7 के शिखर सम्मेलन के आयोजन के बीच ब्रेक्जिट के कुछ समझौते को लेकर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच तनाव गहरा गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शनिवार को कहा कि अगर ईयू नियमों को लेकर सख्ती करता रहा तो ब्रेक्जिट के बाद के समझौते टूट जाएंगे।
जॉनसन ने जी-7 सम्मेलन से इतर जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ बैठकें की। ब्रिटेन के शीर्ष राजनयिक द्वारा ईयू पर जानबूझकर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाने के बाद जॉनसन ने ईयू के नेताओं, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उरसुला वॉन डर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिचेल से भी मुलाकात की।
यह मुलाकात कार्बिस बे के रिजॉर्ट में हुई जहां जी-7 के नेता आए हैं। दोनों पक्ष उत्तरी आयरलैंड के मुद्दे पर बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच गतिरोध की स्थिति में हैं। उत्तरी आयरलैंड ब्रिटेन का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसकी सीमा ईयू के सदस्य देश से लगती है।
ईयू से ब्रिटेन के अलग होने के बाद कुछ सामानों के परिवहन पर पाबंदी लगी है और ईयू का आरोप है कि ब्रिटेन के बाकी हिस्सों से उत्तरी आयरलैंड में ऐसी वस्तुएं आ रही हैं और ब्रिटेन उन पर प्रतिबंध लगाने में देर कर रहा है। ब्रिटेन का कहना है कि प्रतिबंधों के कारण व्यापार प्रभावित होगा और इससे उत्तरी आयरलैंड की शांति भंग होने का खतरा है।
इस विवाद से अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी चिंतित हैं और वह इसे उत्तरी आयरलैंड शांति समझौता के लिए खतरे के तौर पर देख रहे हैं। जॉनसन के साथ हुई मुलाकात के बाद वॉन डर लेयेन ने ट्वीट किया कि उत्तरी आयरलैंड की शांति सर्वोपरि है और ब्रेक्जिट के समझौते के तहत उसकी रक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि हम ब्रिटेन के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं। दोनों पक्षों को उसका पालन करना होगा जिस पर हम सहमत हुए हैं। इस पर ईयू में सभी एकमत हैं।
जॉनसन ने स्काई न्यूज से कहा कि जिस समझौते पर हमने हस्ताक्षर किए वह बिल्कुल उचित है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि (ईयू द्वारा समझौते की) जो व्याख्या की जा रही है, वह संवेदनशील या व्यावहारिक है।
यूरोपीय संघ ने कहा है कि ब्रिटेन को समझौते का पूरा पालन करना चाहिए और अगर ब्रिटेन अगले महीने से इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स से पैकेटबंद मांस के साथ सॉस जैसे उत्पाद भेजने पर प्रतिबंध नहीं लगाता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मर्केल ने कहा कि उन्होंने बैठक में जॉनसन को बता दिया कि समझौते के बुनियाद में कुछ भी बदलाव नहीं होगा। लेकिन साथ ही कहा कि जब व्यावहारिक मुद्दे सामने आते हैं तो किसी को भी यह समझना चाहिए कहां भी चीजें बेहतर हो सकती है ताकि इससे उत्तरी आयरलैंड के लोगों की मदद हो।