सुपरजंबो जेट के नाम से प्रसिद्ध A380 एयरबस पर कोरोना वायरस की मार, हो सकते हैं उड़ानों से बाहर

शायद ही ऐसा कोई देश या क्षेत्र है जो कोरोना वायरस से प्रभावित होने से बचा हो।

Update: 2020-12-31 06:51 GMT

शायद ही ऐसा कोई देश या क्षेत्र है जो कोरोना वायरस से प्रभावित होने से बचा हो। सुपरजंबो जेट के नाम से प्रसिद्ध A380 एयरबस पर भी इसकी मार पड़ी है। इन्हें जल्दी ही उडा़नों से हटाया जा सकता है। पिछले नौ महीनों में इन विमानों ने कोई उड़ान नहीं भरी है।

कोरोना वायरस महामारी के समय में उड़ानों में भारी कमी देखी गई। एयरलाइंस और हवाई अड्डों ने उड़ानों में भारी कमी देखी, अधिकतर उड़ानों को रद्द करना पड़ा क्योंकि महामारी के कारण कोई अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं खोलना चाहता था।
हैरानी की बात तो ये है कि दिसंबर की शुरुआत में 243 एयरबस ए380 में से केवल 21 सेवा में थे। वहीं विमानन कंपनी सिरियम के अनुसार, बढ़ती लागत और कम यात्री मांग की चिंताओं के कारण 243 एयरबस ए380 में से केवल 21 ही इस महीने की शुरुआत में सेवा में थीं।
एयर फ्रांस पहला वाहक है जिसने सुपरजंबो विमानों को स्थायी रूप से वापस लेने का फैसला किया है। इसने 2022 तक दस A380 को समय से पहले रिटायर करने की योजना बना ली है।
वहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध जर्मनी की बड़ी विमान कंपनी लुफ्थांसा की सेवा भी कोरोना वायरस से प्रभावित है। लुफ्थांसा ने भी अपने बड़े विमान ए380 को हटा लिया है और भविष्य में सब ठीक रहे इसके मद्देनजर कई और बड़े विमानों को अपने बेड़े से कम कर दिया।
वहीं सिंगापुर एयलाइंस दूसरी सबसे बड़ी ऑपरेटर है जिसने कोरोना के संकट के कारण अपने 19 ए380 में से सात को स्थाई रूप से रिटायर करने का फैसला किया है।
इसी कड़ी में कतर एयरवेज, इतिहाद एयरवेज साथ ही संयुक्त अरब अमीरात की अमीरात जैसी बड़ी विमान कंपनी अपने बेड़े से बड़े यात्री विमानों को छुट्टी देने की सोच रही हैं। अब तक कोई भी एयरलाइन कोरोना वायरस की मार से उबर नहीं पाई है।
बोइंग 747 बंद होने के बाद ए380 दुनिया सबसे बड़ा यात्री विमान है। इस साल की शुरुआत में ब्रिटिश एयरवेज और वर्जिन अटलांटिक ने इसे रिटायर किया था।



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