पश्चिमी तट पर गाल फेस अब दुनिया में श्रीलंका की पहचान बनी, पेट भरने के लिए यहां लोग बेच रहे हैं National Flag

नलिंदर का कहना है कि राजपक्षे सरकार की नाकामी और भ्रष्‍ट सरकार की वजह से ही देश को ये दिन देखने पड़ रहे हैं।

Update: 2022-05-16 08:13 GMT

वर्तमान में श्रीलंका जबरदस्‍त वित्‍तीय संकट (Sri Lanka Financial Crisis) से जुझ रहा है। देश में केवल खाने-पीने की चीजों की ही नहीं बल्कि दवाओं और अन्‍य जरूरी वस्‍तुओं की भी जबरदस्‍त किल्‍लत हो रही है। जरूरी चीजों की कमी और आसमान छूती महंगाई की वजह से लोगों का जीवन-यापन बेहद मुश्किल हो गया है। देश की इस आर्थिक हालत के खिलाफ काफी समय से लोग सड़कों पर हैं। राजपक्षे परिवार के खिलाफ हो रहे इस विरोध प्रदर्शनों का गढ़ बना है Galle Face (गाल फेस)। देश के पश्चिमी तट पर स्थित गाल फेस अब दुनिया में श्रीलंका की पहचान बन गया है। इसकी वजह यहां पर होने वाले प्रदर्शन ही हैं।

हजारों की गई नौकरी
मौजूदा समय में जारी वित्‍तीय संकट में हजारों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। देश का पयर्टन उद्योग (Sri Lanka Tourism Sector) पूरी तरह से पटरी से उतर चुका है। देश की अर्थव्‍यवस्‍था में इस क्षेत्र का बड़ा योगदान रहा है। लेकिन, बीते तीन वर्षों में इस क्षेत्र को जबरदस्‍त धक्‍का लगा है। पहले ही कोरोना महामारी की वजह से यहां का पयर्टन उद्योग पटरी से उतर चुका था। विश्‍व में लगे कोरोना प्रतिबंधों की वजह से इसमें जबरदस्‍त गिरावट आई थी। इसके बाद यहां पर जारी राजनीतिक और वित्‍तीय संकट ने हालात को और अधिक खराब कर दिया है।
गाल फेस में झंडे बेचने को मजबूर
देश के पयर्टन उद्योग से जुड़े लोग अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए दूसरे काम तलाशने में लगे हैं। कई लोग गाल फेस में प्रदर्शन वाली जगहों पर राष्‍ट्रीय ध्वज बेच रहे हैं। इनमें कई आटो ड्राइवर भी शामिल हैं। इनमें से एक पियाल ने बताया कि वो पहले ऑटो चलाता था, लेकिन अब वो यहां पर झंडे बेचने को मजबूर है। उसने बताया कि देश में पेट्रोल की किल्‍लत के चलते उसको अपना पुराना काम छोड़ना पड़ा है। हर रोज लगाए जा रहे कर्फ्यू की वजह से भी हालात लगातार खराब हो रहे हैं।
भविष्‍य का नहीं कुछ पता
पियाल ने बताया कि वो पहले ढाई से तीन हजार रुपये तक हर रोज कमा लेता था, लेकिन अब उसकी आमदनी बेहद कम हो गई है। पियाल के घर में चार सदस्‍य हैं। पियाल का कहना है कि वो नहीं जानता है कि उसका अब क्‍या भविष्‍य है। झंडे बेचने का काम भी तब तक ही किया जा सकता है जब तक यहां पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके बाद ये भी काम बंद हो जाएगा।
खाने-पीने की किल्‍लत
पियाल ने कहा कि झंडे बेचकर कोई भी अधिक नहीं कमा सकता है। लेकिन देश में अब हर तरह का काम बंद हो रहा है। देश में खाने-पीने की चीजों की जबरदस्‍त किल्‍लत है। डीजल पेट्रोल नहीं है। समझ नहीं आता है कि घर कौ कैसे चलाया जाए। हालात बहुत खराब हैं। बता दें कि गाल फेस को अब वेसाक फेस्टिफल के लिए सजाया जा रहा है। यहां पर काफी संख्‍या में प्रदर्शनकारी भी मौजूद हैं। इन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि गोटाबाया राष्‍ट्रपति पद से इस्‍तीफा दें।
कभी भारतीय कंपनी में था मैनेजर अब...
यहां पर मौजूद एक और व्‍यक्ति नलिंदर ने बताया कि देश के हालात बेहद खराब हैं। वो पहले एक भारतीय कंपनी में मैनेजर था, लेकिन अब उसके पास कोई काम नहीं है। उसने बताया कि श्रीलंका की अर्थव्‍यवस्‍था बेहद निचले स्‍तर पर आ गई है। वो अपने देश को सपोर्ट कर देश की इकनामी को ऊपर उठाना चाहता है। इसलिए ही वो यहां पर दूसरे प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद है। नलिंदर का कहना है कि राजपक्षे सरकार की नाकामी और भ्रष्‍ट सरकार की वजह से ही देश को ये दिन देखने पड़ रहे हैं।


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