धरती पर 25 करोड़ साल पहले आया था 'प्रलय', 90 फीसदी खत्म हो गई थी आबादी, फिर तेज तर्रार जीव ने लिया जन्म
जबकि तबाही से पहले उनके पूर्वज कमजोर थे। इस रिसर्च के लिए इस्तेमाल हुए जीवाश्म चीन में थे जिससे शिकारियों की एक अनोखई शृंखला का पता चला।
लंदन: पृथ्वी पर जीवन को खत्म करने वाली पांच तबाही हो चुकी हैं। 25 करोड़ साल पहले भी एक ऐसी तबाही हुई थी, जिसमें धरती पर मौजूद 90 फीसदी जीवन का पूरी तरह सफाया हो गया था। इसे एंड पर्मियन या ग्रेट डाइंग कहा जाता है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस तबाही के बावजूद नाटकीय तरीके से पृथ्वी पर जीवन का पुनर्जन्म हुआ। इस पुनर्जन्म में जो जानवर पैदा हुए वह अपने पूर्वजों से ज्यादा तेस और स्मार्ट थे। एक नई स्टडी में इसका खुलासा हुआ है।
इंग्लैंड की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में जीवाश्म वैज्ञानियों की एक टीम ने पाया कि ग्रेट डाइंग की तबाही के बाद नए शिकारियों का जन्म हुआ। इसमें छिपकली और पक्षियों की प्रजाति के जीव बहुत तेज हो गए। इसके अलाव शिकारियों से बचने की क्षमता भी जानवरों में आई। स्तनधारियों और पक्षियों में किसी तरह के बाल या पंख का विकास हुआ। 20-25 करोड़ साल पहले भूमि और पानी में मौजूद जानवरों में बेहद ज्यादा ऊर्जा थी। उनके शरीर की बनावट उन्हें तेज बनाती थी।
फुर्तीले थे जानवर
नई स्टडी के प्रमुख लेखक प्रोफेसर माइकल बेनटन ने कहा सब कुछ बहुत तेजी से हो रहा था। आज के पक्षियों और स्तनधारियों के बीच में बहुत अंतर है। वहीं, सरीसृप की प्रजातियां भी अलग हैं। सरीसृप ठंडे खून वाले होते हैं, इसका मतलब है कि उनका शरीर बहुत ज्यादा गर्मी नहीं पैदा करता है। इसके बावजूद भी वह फुर्तीले होते हैं। उनमें सहनशक्ति नहीं हैं और वे ठंड में नहीं रह सकते।
समुद्र में भी हुआ विकास
जमीन के साथ-साथ समुद्र में भी विकास देखने को मिला। डॉ. फेक्सियांग वू ने कहा मछली, केकड़ा, गैस्ट्रोपॉ्ड और स्टारफिश ने शिकार करने की नई क्षमताओं का विकास किया। वे काफी तेज और ताकतवर हो गए थे। जबकि तबाही से पहले उनके पूर्वज कमजोर थे। इस रिसर्च के लिए इस्तेमाल हुए जीवाश्म चीन में थे जिससे शिकारियों की एक अनोखई शृंखला का पता चला।