दूल्हा-दुल्हन ने शादी में बच्चे किए बैन, सोशल मीडिया पर रिश्तेदार का फूटा गुस्सा

बच्चों के बिना जीवन अधूरा रहता है. किसी और का बच्चा भले चाहे जैसा लगे मगर अपना बच्चा हमेशा दुनिया का सबसे प्यारा

Update: 2022-01-26 13:47 GMT
बच्चों के बिना जीवन अधूरा रहता है. किसी और का बच्चा भले चाहे जैसा लगे मगर अपना बच्चा हमेशा दुनिया का सबसे प्यारा और शरीफ बच्चा ही लगता है. लेकिन इन सबके बीच एक सच्चाई ये भी है कि कई बार बच्चों के बिना कुछ वक्त अकेले रहने या घूमने का मन भी करता है ताकि रोज़ की ज़िम्मेदारी से कुछ पल के लिए ब्रेक मिले और दिल को सुकून. लेकिन यही बात तब खटक गई जब एक ऐसा न्यौता मिला जिसमें बिना बच्चों के आने की बात लिखी थी.
कई बार बच्चों को लेकर किसी पार्टी में चले जाएं तो खाना पीना छोड़कर बस उन्हीं के पीछे भागने में वक्त बीतता है. लेकिन उन्हें किसी और के पास छोड़ देना हर मां को कबूल नहीं होता. लिहाज़ा ये मां भी भड़क उठी जब उसे एक ऐसा शादी का न्यौता (Wedding invite) मिला जिसमें बच्चों को लाना मना (No kids allowed) था.
ऐसी शादी जहां बच्चे हैं बैन
पहले तो शादी का निमंत्रण देखकर वो मां खूब खुश हुई, मगर जैसे ही उसकी नज़र कार्ड पर लिखी उस लाइन पर गई जहां चाइल्ड फ्री वेडिंग (child-free weddings) लिखा था उसे देखते ही वो चिढ़ गई. चिढ सिर्फ इस बात की नहीं थी कि बच्चों को लाना मना है. बल्कि समस्या ये थी कि बच्चों को न ले जाने की हालत में बच्चों की ज़िम्मेदारी को लेकर वो परेशान हो गई. शादी की रात बच्चे कहां रहेंगे, कैसे रहेंगे, कौन उनकी देखभाल करेगा? ये तमाम सवाल एक ही पल में आंखों के आगे तैर गए. दरअसल एक महिला को आने वाली जून महीने के लिए बिना बच्चों वाली पार्टी के दो-दो निमंत्रण मिले हैं. जिसे लेकर वो परेशान है.
चाइल्ड फ्री न्यौता पड़ेगा महंगा
एक निमंत्रण में लिखा था, हम सीमित मेहमानों को आमंत्रित कर रहे हैं इसलिए हम बच्चों की व्यवस्था नहीं कर पाएंगे. ये सभी पैरेंट्स के लिए आराम और निश्चिंत होकर एंजॉय करने का बेहतर मौका है. वहीं दूसरे न्यौते में लिखा था, हम आपके बच्चों को बहुत प्यार करते हैं, लेकिन ये सिर्फ बड़ों का मौका है. इसे पढकर वो मां नाराज़ हो उठी (irritated by this wedding invite). उसने सोशल साइट पर अपनी चिढ़ साझा की. जिसे लेकर कई लोगों ने अपनी-अपनी राय दी. कुछ का कहना था कि उन्हें ये लिखने की कत्तई ज़रूरत नहीं कि उनका ये न्यौता माता-पिता को तसल्ली से रात बिताने का मौका दे रहा है. सच्चाई ये है ये निमंत्रण उन्हें महंगा साबित होगा. बच्चों के लिए चाइल्डकेयर (childcare) की व्यवस्था करनी होगी. बच्चों को खुद से दूर रख उनकी चिंता में रात किसी तरह कटेगी, खाने-पीने की अलग से व्यवस्था का खर्च सो अलग. कुल मिलाकर चाइल्ड फ्री वेडिंग के नाम माता-पिता को कोई सुनहरा मौका नहीं मिल रहा. सिर्फ चिढ़चिढ़ापन और बजट बढ़ रहा है.
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