न्यूयार्क: सलमान रुश्दी पर हमले की निंदा करने वाले लेखक जेके राउलिंग को जान से मारने की धमकी मिली है। 57 वर्षीय राउलिंग ने ट्विटर पर एक यूजर के धमकी भरे संदेश के स्क्रीनशॉट साझा किया है। हैरी पॉटर की लेखिका ने रुश्दी को चाकू मारने की घटना पर एक ट्वीट के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि इस घटना से उन्हें काफी दुख हुआ है। उम्मीद करती हैं कि उपन्यासकार जल्द ठीक हो जाएंगे। इसके जवाब में एक यूजर ने लिखा: "चिंता मत करो। आप अगले हैं।"
जिस ट्विटर हैंडल ने राउलिंग को मौत की धमकी दी है, उसने न्यू जर्सी के हमलावर हादी मटर की भी प्रशंसा की है। मटर ने शुक्रवार को पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान रुश्दी को कई बार चाकू मारा था।
सलमान रुश्दी क्षतिग्रस्त लीवर के साथ वेंटिलेटर पर हैं। हादी मटर द्वारा छुरा घोंपने के बाद उनकी एक आंख खो सकती है। मटर पर दूसरी डिग्री में हत्या के प्रयास और दूसरी डिग्री में हमले का आरोप लगाया गया है। पुलिस हमले के पीछे के मकसद की जांच कर रही है।
रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' ईरान में 1988 से प्रतिबंधित है, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं।
ईरानियों ने मशहूर उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर हुए हमले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि हमलावर हदी मतार ने रुश्दी पर हमला क्यों किया। ईरान की सरकार और उसकी सरकारी मीडिया ने इस हमले का कोई मकसद नहीं बताया है। लेकिन तेहरान में कुछ लोगों ने लेखक पर हमले की सराहना की, क्योंकि उनका मानना है कि रुश्दी ने 1988 में आई अपनी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' से इस्लाम धर्म की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
राजधानी तेहरान की गलियों में लोगों के जेहन में अब भी खमैनी का फतवा है। रेजा अमिरी नामक एक व्यक्ति ने कहा, मैं सलमान रुश्दी को नहीं जानता, लेकिन मुझे यह सुनकर खुशी हुई है कि उन पर हमला किया गया क्योंकि उन्होंने इस्लाम का अपमान किया है। वहीं, तेहरान में रह रहे 34 वर्षीय मोहम्मद महदी मोवाघर ने कहा कि यह सुखद है और यह दिखाता है कि जो लोग हम मुस्लिमों की पवित्र चीजों का अपमान करते हैं उन्हें परलोक में सजा के अलावा इस दुनिया में भी लोगों द्वारा सजा मिलेगी।
हालांकि, कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें चिंता है कि इस हमले के बाद ईरान दुनिया से और कट जाएगा। वैसे भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव चल रहा है। भूगोल शिक्षक माहशिद बराती (39) ने कहा, मैं मानती हूं कि जिन्होंने ऐसा किया है, वे ईरान को अलग-थलग करने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि ईरान के तत्कालीन (दिवंगत) सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने वर्ष 1989 में रुश्दी को मौत की सजा का फतवा जारी किया था।