इस होटल पर दो बार आतंकी हमला हुआ, UK ने नागरिकों को दी काबुल का सेरेना होटल तुरंत खाली करने की वॉर्निंग
ब्रिटेन के विदेश विभाग ने भी अफगानिस्तान की यात्रा नहीं करने अपनी सलाह के अपडेट में कहा कि बढ़ते हुए जोखिम को देखते हुए नागरिकों को होटलों से दूर रहने की सलाह दी जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 15 अगस्त को जब से तालिबान (Taliban) ने काबुल (Kabul) पर कब्जा किया है, अफगानिस्तान (Afghanistan) की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. अब अमेरिका (US) और यूनाइटेड किंगडम (UK) की तरफ से आई वॉर्निंग ने भी खराब स्थिति की तरफ इशारा कर दिया है.
अमेरिका और ब्रिटेन ने सोमवार को अपने नागरिकों को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के होटलों से दूर रहने की चेतावनी दी है. दोनों देशों की तरफ से कहा गया है कि नागरिकों को काबुल के मशहूर सेरेना होटल से दूर रहना चाहिए. साथ ही दोनों देशों ने इसे तुरंत खाली करने की सलाह भी दी है.
तुरंत खाली कर दें होटल
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने क्षेत्र में 'सुरक्षा पर बरकरार खतरों' का हवाला देते हुए कहा है कि अमेरिकी नागरिक, जो सेरेना होटल में या उसके आसपास हैं, उन्हें तुरंत उस जगह को छोड़ देना चाहिए. ब्रिटेन के विदेश विभाग ने भी अफगानिस्तान की यात्रा नहीं करने अपनी सलाह के अपडेट में कहा कि बढ़ते हुए जोखिम को देखते हुए आपको (नागरिकों को) होटलों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, खासकर जैसे काबुल के सेरेना होटल. सेरेना होटल काबुल का सबसे मशहूर लग्जरी होटल है. ये होटल तालिबान के काबुल में कब्जे के पहले विदेशियों की पहली पसंद हुआ करता था. होटल पर दो बार आतंकी हमला हो चुका है.
साल 2014 में हुआ खतरनाक हमला
साल 2014 में जब अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले थे, उससे ठीक पहले यहां पर हमला हुआ था. चार आतंकी मोजे के अंदर पिस्तौल छिपाकर होटल के अंदर पहुंचने में कामयाब हुए थे. इसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग में 9 लोगों की मौत हो गई थी. हमले में न्यूज एजेंसी एएफपी के जर्नलिस्ट और उनके परिवार के सदस्य भी मारे गए थे. हमला तब हुआ था जब होटल में कई स्तर की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी. साल 2008 में यहां पर हुए हमले में 6 लोगों की मौत हो गई थी.
अमेरिका ने तालिबान से की चर्चा
अमेरिका ने दोहा, कतर में तालिबान के साथ एक खास मीटिंग की है. तालिबान के साथ हुई वार्ता बहुत ही स्पष्ट और प्रोफेशनल थी. अमेरिका का कहना है कि अब तालिबान के एक्शन को लेकर ही उस पर कोई फैसला लिया जाएगा और उसके शब्दों पर जरा भी भरोसा नहीं किया जाएगा. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने तालिबान के साथ मीटिंग के दौरान सुरक्षा और आतंकवाद के अलावा अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित रास्ता मुहैया कराने पर भी चर्चा की है. साथ ही विदेशी नागरिकों और अफगान नागरिकों, मानवाधिकार और महिलाओं-लड़कियों की अफगान समाज में सुरक्षित और पूर्ण भागीदारी भी इस मीटिंग के केंद्र बिंदु थे.