बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा मामले में तीन हजार अज्ञात लोगों के दस केस दर्ज
लगभग 450 को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कोमिला में हिंसा के बाद स्थानीय पूजा प्रबंधन समिति की चेतावनी के बावजूद 13 अक्टूबर को चांदपुर के हाजीगंज उपजिला में हुए सांप्रदायिक हमले के लिए पुलिस तैयार नहीं थी।
पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच युवकों की मौत हो गई थी, जबकि 33 लोग घायल हुए थे। ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि घायलों में 23 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद की स्थानीय इकाई के अनुसार, 13 और 14 अक्टूबर को 12 पूजा मंडपों और कई हिंदू घरों में तोड़फोड़ की गई थी।
पुलिस ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा को लेकर हाजीगंज थाने में दस मामले दर्ज किए गए हैं। आरोपियों में 3,000 से अधिक अज्ञात व्यक्ति हैं। नानुआर दिघी के तट पर एक दुर्गा पूजा स्थल पर कुरान के कथित अपमान को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलने के बाद बांग्लादेश में कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, चांदपुर, चटगांव, गाजीपुर, बंदरबन, चपैनवाबगंज और मौलवीबाजार में कई पूजा स्थलों में तोड़फोड़ की गई।
इस बीच, बांग्लादेश में तनाव लगातार बढ़ रहा है। देश में हिंदुओं के खिलाफ बेरोकटोक लक्षित हमले किए जा रहे हैं। दुर्गा पूजा के दौरान कमिला में शुरू हुए हमले अन्य हिस्सों में फैल गए हैं और विभिन्न हिस्सों से हिंसा, आगजनी और हत्या की खबरें आ रही हैं। हिंदुओं पर हमलों के संबंध में देश के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 71 मामले दर्ज किए गए हैं और लगभग 450 को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।