तहरीक-ए- तालिबान आतंकियों के शीर्ष कमांडर उमर खालिद खुरासानी की विस्फोट में मौत, पाकिस्तानी सेना ने लिया बदला?
कई खूनी हमले कर चुके हैं और यही वजह है कि बाजवा को उनके आगे झुकना पड़ा है।
काबुल: पाकिस्तान के लिए अफगानिस्तान से बहुत राहत भरी खबर आई है। पाकिस्तानी सैनिकों के लिए काल बने तहरीक-ए- तालिबान आतंकियों के एक शीर्ष कमांडर उमर खालिद खुरासानी की रहस्यमय बम विस्फोट में मौत हो गई है। खुरासानी की गाड़ी को पूर्वी अफगानिस्तान के पाकटीका इलाके में निशाना बनाया गया। बताया जा रहा है कि उमर खालिद के साथ टीटीपी के दो अन्य कमांडर मारे गए हैं। उमर खालिद 3 बार ड्रोन हमले में बाल-बाल बचा है और इससे पहले 7 बार उसके मरने की खबर आ चुकी है।
एक अफगान अधिकारी ने पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बातचीत में कहा कि टीटीपी कमांडर उमर खालिद खोरासानी, मुफ्ती हसन और हाफिज दवालत खान को शार्की गांव में निशाना बनाया गया। बताया जा रहा है कि इस रहस्यमय बम विस्फोट में गाड़ी में सवार सभी लोग मारे गए। सूत्रों के मुताबिक टीटीपी कमांडर विचार विमर्श के लिए बिरमल जिले में जा रहे थे, इसी दौरान सड़क किनारे उनकी गाड़ी बारूदी सुरंगों की चपेट में आ गई।
पाकिस्तान ने किया था 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित
खोरासानी टीटीपी के शीर्ष नेतृत्व में आता था। वहीं मुफ्ती हसन टीटीपी के उन कमांडरों में शामिल था जिन्होंने आईएसआईएस के चीफ रहे अबू बकर अल बगदादी के साथ शपथ ग्रहण किया था। खुरासानी पर पाकिस्तान ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। ये तीनों आतंकी ऐसे समय पर मारे गए हैं जब कुछ समय पहले ही पाकिस्तानी सेना के एक कोर कमांडर की रहस्यमय हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी। इस हादसे को लेकर टीटीपी और बलूच विद्रोहियों पर शक जताया गया था।
ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी कमांडर की हत्या करवाई है। टीटीपी और पाकिस्तानी सेना के बीच बातचीत चल रही है लेकिन आतंकी संगठन अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है। पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी को मनाने के लिए मौलवियों के एक दल को भेजा था लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ। माना जा रहा है कि इस हत्याकांड के बाद अब यह बातचीत रसातल में पहुंच सकती है। ये आतंकी पाकिस्तान सेना पर कई खूनी हमले कर चुके हैं और यही वजह है कि बाजवा को उनके आगे झुकना पड़ा है।