अफगानिस्तान में सत्ता मिलने के बाद सामने नहीं आता तालिबान का सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा, तस्वीर भी सिर्फ एक, जाने कियू
काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान लड़ाके अब मीडिया के सामने आ रहे हैं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं लेकिन तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा इस मामले में अपवाद है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान लड़ाके अब मीडिया के सामने आ रहे हैं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं लेकिन तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा इस मामले में अपवाद है। कई मीडिया एजेंसी उनकी तस्वीरें खंगाल रही हैं लेकिन सभी के पास सिर्फ एक तस्वीर है। तालिबान ने अब तक अपने सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा की सिर्फ एक तस्वीर रिलीज की है।
दुनिया को हिबतुल्लाह अखुंदजादा के बारे में कुछ ख़ास नहीं पता है। वह इस्लामी छुट्टियों के दौरान सिर्फ एक सालाना संदेश जारी करते हैं। हिबतुल्लाह अखुंदजादा के ठिकाने के बारे में पूछे जाने पर हाल ही में तालिबान ने प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा था, 'भगवान की मर्जी से आप उन्हें जल्द ही देखेंगे।'
कौन हैं हिबतुल्लाह अखुंदजादा?
अखुंदजादा 2016 से तालिबान के प्रमुख हैं। 2016 में अमेरिकी ड्रोन हमले में अख्तर मोहम्मद मंसूर के मारे जाने के बाद अखुंदजादा उनके उत्तराधिकारी बनाए गए थे। वह सोवियत आक्रमण काल में इस्लामी प्रतिरोध में शामिल रहे हैं। वह सैन्य कमांडर की तुलना में एक धार्मिक नेता के तौर पर अधिक लोकप्रिय हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि पिछले तालिबान शासन के दौरान अखुंदजादा सर्वोच्च न्यायालय के उप प्रमुख थे। 2001 के बाद तालिबान के पतन के बाद, वह धार्मिक विद्वानों के समूह की परिषद के प्रमुख बनाए गए थे।
कहां हैं हिबतुल्लाह अखुंदजादा?
उनके बारे में कई बार बताया गया है कि वह बीमार रहते हैं। कोरोना काल में यह भी बताया गया कि वह कोविड पॉजिटिव हो गए थे। कई बार ऐसा भी कहा गया है कि अमेरिकी बमबारी में उनकी मौत हो गई है। लेकिन इन अफवाहों का कोई आधार नहीं रहा है। हाल ही में हिबतुल्लाह अखुंदजादा को लेकर पूछे गए सवाल में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा था, 'भगवान की मर्जी से आप उन्हें जल्द ही देखेंगे।'
इतनी गोपनीयता क्यों?
तालिबान नेतृत्व के लिए यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि अधिकतर टॉप नेता छिपे हुए रहे हैं। तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर तो किसी से मिलना तक पसंद नहीं करते थे। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं और इन कारणों में सुरक्षा सबसे प्रमुख कारण है। पाकिस्तान स्थित सुरक्षा विश्लेषक इम्तियाज गुल ने मामले को लेकर न्यूज़ एजेंसी एएफपी को बताया, 'तालिबान खुद को जिहाद की स्थिति में तब तक मानता है जब तक विदेशी सैनिक अफगान धरती पर हैं और अपने नेता को उनके जाने तक छिपाए रखेंगे। यही कारण है कि टॉप लीडर सामने नहीं आ रहे हैं।'