अफगान सरकार को तालिबान ने भेजा अपना 'सीजफायर प्रस्ताव', जानें क्या कहा?

अफगान सरकार और तालिबान (Taliban) के बीच शनिवार को कतर में शांति वार्ता की शुरुआत हुई

Update: 2021-07-18 14:55 GMT

अफगान सरकार और तालिबान (Taliban) के बीच शनिवार को कतर में शांति वार्ता की शुरुआत हुई. रविवार को खबर आई कि तालिबान ने दोहा में अफगान सरकार (Afghan Government) के वार्ता दल को अपना सीजफायर प्रस्ताव (Ceasefire Proposal) भेजा है. दूसरी ओर तालिबानी नेता मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा ने रविवार को 'ईद संदेश' में अफगान संकट के राजनीतिक समाधान की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने तालिबान के जिलों पर कब्जा करने का उल्लेख किया लेकिन कहा कि राजनीतिक समाधान के लिए समूह का समर्थन 'गंभीर' है.


तालिबानी नेता ने यह भी कहा कि देश में एक इस्लामी व्यवस्था और शांति और सुरक्षा की स्थापना के लिए समूह किसी भी अवसर का फायदा उठाएगा. अखुंदजादा ने कहा कि समूह बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने अफगान सरकार पर शांति वार्ता में समय बर्बाद करने का आरोप लगाया.

अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में न दें दखल
उन्होंने कहा कि तालिबान दुनिया के साथ 'अच्छे, मजबूत राजनयिक संबंध चाहता है और उन्होंने पड़ोसी देशों, क्षेत्र और दुनिया को आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान किसी को भी अपने क्षेत्र का इस्तेमाल दूसरे देशों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए नहीं करने देगा. उन्होंने अन्य देशों से अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में 'हस्तक्षेप' नहीं करने का आह्वान किया है.

उन्होंने कहा कि तालिबान इस्लामी काननू और देश के राष्ट्रीय हितों के ढांचे के भीतर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है और पत्रकारों के इन दो अहम बिंदुओं पर कार्य करना चाहिए और पत्रकारिता के सिद्धातों का पालन करना चाहिए. अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला (Abdullah Abdullah) के नेतृत्व में अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य के एक उच्च पदस्थ प्रतिनिधिमंडल और समूह के उप नेता अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में एक तालिबान (Taliban) प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को 'शांति' पर बातचीत शुरू कर दी.

कतर में शुरू हुई शांति वार्ता
उम्मीद की जा रही है कि इस बातचीत में उन मुद्दों पर सहमति बनेगी जो देश को राजनीतिक समाधान की ओर ले जाएंगे और हिंसा (Violence) को समाप्त करेंगे. बैठक की मेजबानी कतर कर रहा है जहां अफगानिस्तान और तालिबान वार्ताकारों ने पिछले 10 महीनों से अपनी बातचीत जारी रखी है लेकिन इन बैठकों में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है. पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद करीम खलीली, अता मोहम्मद नूर, बटूर दोस्तम सालम रहीमी और सैयद सआदत मंसूर नादेरी अफगान गणराज्य के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं.


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