बंधक बनाए रखने के बाद तालिबान ने TOLO न्यूज के फोटोग्राफर को छोड़ा,कैमरा भी दिया वापस

Update: 2021-09-07 11:20 GMT

टोलो न्यूज के कैमैरापर्सन वाहिद अहमदी को तालिबान ने छोड़ दिया है. तीन घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें छोड़ा गया है. साथ ही उनका कैमरा भी लौटा दिया है. मंगलवार को अगानिस्तान में पाकिस्तान और तालिबान के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे तो उस वक्त वाहिद अहमदी उसे कवर कर रहे थे. इस बीच वहां तालिबान के लड़ाके आए और कैमरे सहित कैमरामैन को अपने साथ लेकर चले गए.

अफगानिस्तान में सरकार बनाने को लेकर तालिबान में अंदरुनी गुटबाजी सामने आ रही है. इनमें प्रमुख रूप से तीन नाम सामने आ रहे हैं. मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, हिब्तुल्लाह अखुंदजादा और सिराजुद्दीन हक्कानी. रिपोर्ट्स के अनुसार, मुल्ला बरादर और सिराजुद्दीन हक्कानी के बीच सरकार बनाने को लेकर काफी तनातनी है और इसके अलावा भी कुछ वजहें हैं जिसके चलते अफगानिस्तान में सरकार बनने को लेकर अड़चनें पेश आ रही हैं.
1994 में तालिबान का गठन करने वाले चार लोगों में मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का भी नाम था. साल 2001 में अफगानिस्तान में जब अमेरिका ने तालिबान को सत्ता से बेदखल किया था तो मुल्ला बरादर विद्रोह के खिलाफ अहम चेहरे बने थे. बरादर के बारे में कहा जा रहा है कि अल्पसंख्यकों से जुड़े तत्वों को सरकार में शामिल कराना चाहते हैं. 
हालांकि, हक्कानी नेटवर्क के लीडर सिराजुद्दीन हक्कानी किसी के साथ भी सत्ता को साझा नहीं करना चाहते हैं. हक्कानी नेटवर्क तालिबान के साथ होने के बावजूद अपना एक ताकतवर वजूद अफगानिस्तान में रखता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी समर्थन हासिल है. 
आईएसआई के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद तालिबान के समर्थक माने जाते हैं और उन्होंने हाल ही में काबुल में जाकर हक्कानी नेटवर्क से मुलाकात की थी. उनकी इस मुलाकात के बाद अफगान लोगों ने अफगानिस्तान के मामलों में पाकिस्तान के दखल के चलते कई जगह विरोध भी दर्ज कराया था. आईएसआई इससे पहले हक्कानी नेटवर्क का इस्तेमाल काबुल में मौजूद भारतीय दूतावास पर टारगेट करने के लिए कर चुका है. 


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