राजधानी काबुल से 7 मील दूर पहुंचा तालिबान, अब तक 20 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा
जो काबुल और अन्य शहरों को तालिबान के कब्जे में जाने से बचाने में अफगान सेना का सहयोग करेंगे।
काबुल Taliban in Afghanistan । अफगानिस्तान में तालिबान का खतरा लगातार बढ़ते जा रहा है। शनिवार देर रात तक तालिबान ने काबुल के नजदीक के लोगार प्रांत पर कब्जा कर लिया। यह इलाका राजधानी काबुल से सिर्फ 7 मील की दूरी पर है। तालिबान काबुल से महज 11 किलोमीटर दूर चार असीयाब जिले तक पहुंच गए हैं, जहां उनकी सरकारी सैनिकों के साथ लड़ाई चल रही है। लोगार की सांसद होदा अहमदी ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि लोगार की राजधानी पुल-ए-आलम पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। लोगार काबुल से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलावा तालिबान ने अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर कब्जा जमा लिया है।
राष्ट्रपति अशरफ गनी नहीं देंगे इस्तीफा
तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रांत पकतिका की राजधानी शाराना पर भी कब्जा कर लिया है। अभी तक तालिबान अफगानिस्तान के 34 प्रांतीय राजधानियों में से 20 पर कब्जा कर चुका है। अफगानिस्तान का दो तिहाई इलाका तालिबान के कब्जे में आ चुका है। इस बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान से हिंसा रोककर वार्ता करने का सुझाव दिया है और इस्तीफा देने का कोई संकेत नहीं दिया है। तालिबान ने संघर्षविराम के लिए गनी के इस्तीफे और उनके सत्ता से दूर होने की शर्त रखी है।
तालिबान के कब्जे में मजार-ए-शरीफ शहर
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने बताया है कि लोगार प्रांत के गवर्नर अब्दुल कयूम रहीमी तालिबान के साथ आ गए हैं और तालिबान ने पूरे प्रांत पर कब्जा कर लिया है। दक्षिण अफगानिस्तान के बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर कब्जे के लिए तालिबान ने एक साथ कई तरफ से शहर पर हमला कर दिया है। एक अफगान सांसद ने बताया है कि बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ तालिबान के कब्जे में आ गई है। प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने इसकी पुष्टि की है।
अफगानिस्तान के अन्य शहरों व राज्यों में भी तालिबान से घमासान युद्ध चल रहा है। कतर ने तालिबान से शांति की अपील की है। कतर ही वह देश है जिसने तालिबान का लगातार समर्थन किया है। साथ ही यह भी संकेत मिले हैं कि अमेरिका ने आगामी संकट को देखते हुए अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया फिलहाल कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दी है। आने वाले दिनों में अमेरिका अफगानिस्तान में कुछ हजार सैनिक और भेज सकता है, जो काबुल और अन्य शहरों को तालिबान के कब्जे में जाने से बचाने में अफगान सेना का सहयोग करेंगे।