तालिबान ने अमेरिका को दी एक और चेतावनी, कहा- अफगानिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश न करे

अगस्त माह में अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के बाद यह इस तरह की पहली बैठक है। वार्ता कतर के दोहा में होगी।

Update: 2021-10-10 02:13 GMT

अफगानिस्तान का नया शासक बना तालिबान अब अमेरिका को भी धमकाने लगा है। तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अफगानिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश न करे। अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी दोहा में तालिबान-अमेरिका की वार्ता का नेतृत्व कर रहे हैं। इतना ही नहीं, तालिबान के प्रतिनिधियों ने अमेरिका से अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के भंडार पर लगे प्रतिबंध को हटाने को कहा है।

अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री ने शनिवार को दोहा में समाचार चैनल अल-जजीरा से बात करने के दौरान यह टिप्पणी की। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने कहा कि वाशिंगटन ने बैठक के दौरान कोरोना रोधी टीके की पेशकश की। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद पहली बार दोनों पक्ष (तालिबान और अमेरिका) आमने-सामने की बैठक कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि बैठक में अफगान प्रतिनिधिमंडल और अमेरिका के बीच एक नया पृष्ठ खोलने पर चर्चा हुई।
उधर, अमेरिका और पश्चिमी देशों को अफगानिस्तान के आंतरिक हालात को लेकर चिंता है। वे तालिबान को मान्यता दिए बिना उसकी मदद करना चाहते हैं। अफगान प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित किया। उधर, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल तालिबान पर सुधार के लिए दबाव डालेगा। वार्ता रविवार को भी जारी रहेगी। बता दें कि अमेरिका ने अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक में लगभग 9.5 अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली है। साथ ही अमेरिका ने तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार देश के धन तक पहुंचने से रोकने की कोशिश के तहत देश की नकदी की सप्लाइ बंद कर दी है।
तालिबान ने अफगानिस्तान में कट्टरपंथी समूहों को काबू में करने के लिए अमेरिका के साथ सहयोग की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया। उसने विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका और तालिबान के बीच होने जा रही पहली सीधी वार्ता के पहले इस मुद्दे पर सख्त रूख अपनाया है। अमेरिकी अधिकारी शनिवार और रविवार को तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कतर की राजधानी दोहा में बैठक करेंगे। इसका उद्देश्य विदेशी नागरिकों और ऐसे अफगान लोगों की अफगानिस्तान से निकासी को आसान बनाना है, जिन पर खतरा है। इसके अलावा अफगानिस्तान में उग्रपंथी समूहों को नियंत्रित करने के बारे में भी बात हो सकती है। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। तालिबान ने संकेत दिए हैं कि लोगों की अफगानिस्तान से निकासी को लेकर वह लचीला रूख अपना सकता है। अगस्त माह में अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के बाद यह इस तरह की पहली बैठक है। वार्ता कतर के दोहा में होगी।


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