अफगान-ताजिक सीमा पर तालिबान ने दो तिहाई से अधिक किया नियंत्रण
दो तिहाई से अधिक किया नियंत्रण
अफगानिस्तान से विदेशी सेनाओं की वापसी जारी है। साथ ही अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी पुष्टी कर दी है कि 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना अफगान से पूरी तरह बाहर हो जाएगी। विदेशी सेनाओं की दखल समाप्त होने के साथ ही तालिबान ने देश में वर्चस्व स्थापित करने के लिए संघर्ष शुरू कर दिया है। शुक्रवार को रूसी विदेश मंत्रालय का हवाला देते हुए इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी ने बताया कि, मौजूदा वक्त में तालिबान, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच की सीमा के दो तिहाई से ज्यादा हिस्से को नियंत्रित कर रहा है।
संयम दिखाने की अपील
न्यूज एजेंसी ने बताया कि, रूसी विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान संघर्ष के सभी पक्षों से संयम दिखाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि, मास्को के नेतृत्व वाले सीएसटीओ सैन्य ब्लॉक सीमा पर आक्रामकता को को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई करेंगे।
युद्धविराम पर चर्चा जारी
वहीं, मास्को में तालिबान द्वारा आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि, वो अफगान सरकार के साथ एक संभावित युद्धविराम को लेकर चर्चा कर रहे हैं और अगर दोहा में वार्ता सफल होती है तो वह अपने हमले को रोक देंगे। तालिबानी नेताओं ने पिछले हफ्ते कतर की राजधानी दोहा में अफगान सरकार के दूतों के साथ लंबे समय से रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू किया गया है। गौरतलब है कि, इस सप्ताह एक न्यूज एजेंसी के हवाले से बताया गया था कि तालिबान जल्द से जल्द अफगान सरकार के पक्ष में एक लिखित शांति प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रहा है।
समझौते के तहत है सेना की वापसी
आपको बता दें कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शासन के दौरान अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था। जिसके तहत अमेरीका ने अपनी सेना को, अफगानिस्तान में दो दशकों तक चले युद्ध के बाद अब वापस बुला लिया है। इस समझौते में तालिबान राजी हुआ था कि, वो किसी भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन को अफगान में दाखिल नहीं होने देगा।