अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, पाकिस्तान और युद्धग्रस्त मुल्क के बीच व्यापार में 50 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
खाद्य लागत बढ़ रही है. दूसरी ओर, तालिबान की वापसी के बाद से ही देश में महिलाओं और बच्चों की स्थिति बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) के बॉर्डर क्रॉसिंग और परिवहन सुविधाओं पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से पाकिस्तान और युद्धग्रस्त मुल्क (Afghanistan-Pakistan Trade) के बीच व्यापार में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. स्थानीय मीडिया सूत्रों के अनुसार आदान-प्रदान में हो रही तमाम कठिनाइयों के बावजूद अफगानिस्तान के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Afghanistan's chamber of commerce and industry) ने बताया की अफगानिस्तान और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच व्यापार में बढ़ोतरी हुई.
चैंबर के डिप्टी खान जान अलोकोजई (Khan Jan Alokozai) के अनुसार बैंक बंद होने के कारण ट्रांजिट सेक्टर में चुनौतियां साफ दिखाई दे रही है. लेकिन अफगानिस्तान के निर्यात और पाकिस्तान के आयात में बढ़ोतरी हुई है. इस बीच, सोमवार 23 अगस्त को अफगानिस्तान के व्यापार और निवेश के चैंबर (chamber of business and investment) के सदस्यों ने तालिबान के सदस्यों के साथ मुलाकात की और निजी क्षेत्र (Private sector) में हो रही समस्याओं के बारे में उन्हें जानकारी दी. तालिबान ने इस मुद्दे पर समाधान खोजने का वादा किया है.
आर्थिक नीति को लागू करने के लिए काम कर रहा है तालिबान
वहीं, तालिबान के अनुरोध के बाद ईरान (Iran) ने भी तेल और गैस के निर्यात को बढ़ा दिया है. अफगानिस्तान इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabibullah mujahid) ने सोमवार को एक सभा में कहा की उनकी सरकार आर्थिक व्यवस्था (Economic situation) को सुधारने और सरकार के द्वारा बनाई गई आर्थिक नीति को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. दूसरी ओर, एक हैरानी भरा कदम उठाते हुए तालिबान के आर्थिक और वित्त आयोग ने अगले आदेश तक अफगानिस्तान से धातु के आयात पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.
विश्व बैंक ने अफगानिस्तान को मिलने वाली वित्तीय सहायता पर लगाई रोक
आयोग के मुताबिक, विदेशी मुल्क धातु के लिए कम भुगतान कर रहे हैं, लेकिन घरेलू विनिर्माण और व्यवसाय को इसकी बड़ी मात्रा की जरूरत है. इस बीच, विश्व बैंक (World Bank) ने मंगलवार को कहा कि वह तालिबान के नियंत्रण में महिलाओं की दुर्दशा पर चिंताओं की वजह से अफगानिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर रोक लगा रहा है. अफगान अर्थव्यवस्था विदेशी सहायता पर निर्भर है और खाद्य लागत बढ़ रही है. दूसरी ओर, तालिबान की वापसी के बाद से ही देश में महिलाओं और बच्चों की स्थिति बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है.