चीन की घेराबंदी के खिलाफ जारी रहेगी ताइवान की मदद, अमेरिका ने किया ऐलान

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन द्वारा ताइवान की जबर्दस्त घेराबंदी की जा रही है

Update: 2022-08-14 10:42 GMT
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन द्वारा ताइवान की जबर्दस्त घेराबंदी की जा रही है। अब अमेरिका ने चीन की इस घेराबंदी के खिलाफ ताइवान की मदद जारी रखने का ऐलान किया है। चीन और ताइवान के बीच अचानक बढ़े तनाव के बाद ताइवान को अमेरिकी समर्थन का ऐलान किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के उप सहायक और एशिया प्रशांत मामलों के समन्वयक कुर्ट कैंपबेल ने कहा है कि चीन के कदम मूल रूप से शांति व स्थिरता के खिलाफ हैं। आने वाले सप्ताहों में चीन ये कदम और तेज कर सकता है। वह ताइवान पर दबाव की कार्रवाई लगातार करता रहेगा। यह दबाव आने वाले हफ्तों और कई महीनों तक जारी रहेगा। इसका मकसद स्पष्ट रूप से ताइवान को डराना और उसकी आजादी को कम करना है।
कैंपबेल ने कहा कि अमेरिका ताइवान के खिलाफ चीन के कदमों को देखते हुए शांतिपूर्वक ठोस कदम उठाता रहेगा ताकि क्षेत्र में शांति व स्थिरता कायम रखी जा सके। वह लंबे समय से चली आ रही अपनी नीति के अनुसार ताइवान की मदद करता रहेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों से स्पष्ट है कि चुनौतियां लंबे समय तक रहने वाली हैं, इसलिए अगले कुछ दिनों में इस दिशा में अमेरिकी पहल स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। उन्होंने साफ कहा कि अमेरिकी किसी हाल में झुकेगा नहीं और धीरज के साथ प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए ताइवान के इलाकों में उड़ान भरना, समुद्री सुरक्षा और जहाजों की आवाजाही जारी रखेगा।
कैंपबेल ने कहा कि ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए अमेरिका वचनबद्ध है। इसमें ताइवान की आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करना और उसके खिलाफ ताकत या अन्य किसी तरह की जबरदस्ती के किसी भी प्रयास का विरोध करना शामिल है। ताइवान की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था या लोगों के जीवन को खतरे में डालने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाएगा। चीन द्वारा अमेरिका के साथ जलवायु परिवर्तन वार्ता स्थगित करने और संवाद के चैनलों को बंद करने के फैसलों का जिक्र करते हुए कैंपबेल ने बीजिंग से उन चैनलों को फिर से शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि कई देश इस इलाके में शांति और स्थिरता कायम रखने में गहरी रुचि रखते हैं।
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