संयुक्त अरब अमीरात के बारे में वो हैरान करने वाली बातें जिसे जानकर दंग रह जाएंगे लोग
अरबी भाषा के शब्द अमीरात को साथ लेकर बना शब्द संयुक्त अरब अमीरात पूरी दुनिया में अपनी अलग धाक जमाए है. अमीरात का अर्थ रियासत या राज्य होता है. अमीरात के राजा को अमीर कहा जाता है. यहां कुल सात अमीरात हैं. यहां सबसे ज्यादा भारतीय रहते हैं. अगर कुल औसत देखें तो यहां करीब 30 प्रतिशत भारतीय और 12 प्रतिशत अमीराती के अलावा बाकी देशों के लोग रहते हैं. जानिए इस देश से जुड़ी ये खास बातें.
आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो यूएई की कुल आबादी 90 लाख के करीब है. इस देश में दो तिहाई प्रवासी हैं. इन प्रवासियों में 26 लाख भारतीय हैं. यह कुल आबादी का 30 फ़ीसदी है जोकि प्रवासियों का सबसे बड़ा हिस्सा है.
अबू धाबी में अरबी और अंग्रेजी के अलावा हिंदी अदालतों में इस्तेमाल होने वाली तीसरी आधिकारिक भाषा है. भारतीयों को न्याय पाने में किसी भी तरह की कोई समस्या न हो, इसलिए वहां ये व्यवस्था की गई है.
संयुक्त अरब अमीरात भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अहम देश है. दोनों देश खाद्य सामग्री के लिए विदेशों पर निर्भर हैं. भारत दोनों देशों से अपनी ऊर्जा ज़रूरतें पूरी करता है. शायद यही कारण है कि हमारे देश से वहां बड़ी मात्रा में निर्यात होता है.
संयुक्त अरब अमीरात में सबसे ज़्यादा केरल के लोग रह रहे हैं. बीबीसी में प्रकाशित इंडिया स्पेंड की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतवंशियों की तरफ से देश में भेजे जाने वाली कुल विदेशी मुद्रा में केरल का सबसे बड़ा योगदान होता है. इसमें केरल का 40 फीसदी हिस्सा होता है.
यूएई दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां भारत का सबसे ज़्यादा निर्यात है. साल 2017 में यूएई के क्राउन प्रिंस भारत के 68वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि दोनों देश अगले पांच सालों में द्विपक्षीय व्यापार में 60 फ़ीसदी बढ़ोतरी करेंगे.
गल्फ़ न्यूज के अनुसार भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हर हफ्ते 1,076 फ्लाइट्स की आवाजाही है. दोनों देशों के बीच पर्यटन भी लगातार बढ़ रहा है. यूएई ने भारतीयों के लिए वीजा के नियमों में भी कई तरह की छूट दे रखी है. भारत ने भी 2015 से यूएई के नागरिकों के लिए ई-वीजा की व्यवस्था की है.
दुबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हर साल लाखों लोग आते-जाते हैं. हाल के आंकड़ों के मुताबिक़ दुबई जाने वाले पर्यटकों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं. दुबई स्थित कंपनी डीपी वर्ल्ड और एमार का भारत में बड़ा निवेश है तो दूसरी तरफ़ भारतीय कंपनियों ने भी दुबई को अपना केंद्र बना रखा है.