नासा के नक्शे में हैरतअंगेज खुलासा! 46 साल में हो गई नीली से 'लाल'
14 बड़ी आग की घटनाओं से दमकल विभाग निपटने में जुटा रहा.
यूरोप, नॉर्थ अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशिया के कई देशों के लिए जून और जुलाई का महीना नासूर जैसा साबित हो रहा है. यहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. वर्षों के रिकॉर्ड तक टूट गए. ये नीचे जो आप नक्शा देख रहे हैं, वो 13 जुलाई 2022 का है. यह अधिकांश पूर्वी गोलार्ध में सतही हवा के तापमान को दिखा रहा है. यह गोडार्ड अर्थ ऑब्जर्विंग सिस्टम (GEOS) वैश्विक मॉडल के एक वर्जन में मिले ऑब्जर्वेशन को मिलाकर तैयार किया गया था, जो वातावरण में भौतिक प्रक्रियाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए गणितीय समीकरणों का इस्तेमाल करता है.
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के ग्लोबल मॉडलिंग एंड एसिमिलेशन ऑफिस के अध्यक्ष स्टीवन पावसन ने कहा, 'विभिन्न जगहों पर वातावरण की लहर का साफ पैटर्न दिखता है. इसमें कुछ इलाके गर्म (लाल) और ठंडे (नीला) नजर आ रहे हैं. लेकिन अत्यधिक गर्मी वाले बड़े इलाके इस बात का सबूत है कि इंसानों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के कारण ग्रीन हाउस गैसों बढ़ रही हैं, जिससे तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है लोगों की जिंदगियां तबाह हो रही है.'
1976 का नक्शा
पश्चिमी यूरोप में सूखा पड़ा हुआ है, जबकि पुर्तगाल, स्पेन और फ्रांस के कई हिस्सों में भयंकर गर्मी पड़ रही है. पुर्तगाल के लीरिया में पारा 13 जुलाई को पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसकी वजह से 3000 हेक्टेयर (7200 एकड़) का एरिया जल गया. आधे से ज्यादा देश में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है. 14 बड़ी आग की घटनाओं से दमकल विभाग निपटने में जुटा रहा.