अफगानिस्तान की मदद को आ गया सुपरपावर अमेरिका, कहा- हमले जारी रखेंगे
अफगानिस्तान सरकार और अफगानिस्तान के लोगों की इच्छाशक्ति एवं नेतृत्व की परीक्षा होगी।
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान का प्रभुत्व बढ़ता जा रहा है। तालिबान का दावा है कि उसने अफगानिस्तान के बाहरी इलाकों पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। ऐसे में अमेरिकी सेना एक बार फिर अफगान सेना की मदद में आगे आई है। अफगान सैनिकों की उसने तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। अमेरिकी सेना के हमले में तालिबान के पांच आतंकी ढेर हो गए हैं। पेंटागन ने इन हवाई हमलों की पुष्टि की है।
जनरल मैकेंजी के पास हवाई हमले का अधिकार
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि पिछले कई दिनों में हमने अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों का समर्थन करने के लिए हवाई हमलों के माध्यम से कार्रवाई की है। हालांकि, उऩ्होंने इस हमले के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। उन्होंने कहा लेकिन जैसा कि अमेरिकी रक्षा सचिव ने बुधवार को कहा था कि हम एएनडीएसएफ के समर्थन में हवाई हमले करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि जनरल मैकेंजी के पास वे अधिकार हैं। उधर, स्थानीय मीडिया का दावा है कि अमेरिकी सेना के हवाई हमले में कम से कम पांच तालिबानी आतंकवादी मारे गए हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, पिछले तीन दिनों में अफगानिस्तान के कई प्रांतों में अमेरिका ने हवाई हमले किए हैं। कई ट्वीट में अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने दावा किया है कि तालिबान को निशाना बनाने वाले हवाई हमले अमेरिकी सैनिकों द्वारा किए गए हैं।
देश के कुल 419 जिलों में से 210 जिलों पर तालिबान का कब्जा
अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के चेयरमैन मार्क मिले ने कहा है कि तालिबान खुद को इस तरह से पेश कर रहा है कि अफगानिस्तान में उसका जीतना तय है। मगर इस लड़ाई का अंतिम भविष्य क्या होगा, अभी इसे लिखा जाना बाकी है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि तालिबान ने देश के कुल 419 जिलों में से आधे करीब 210 जिलों पर नियंत्रण कर लिया है। उन्होंने कहा कि तालिबान का कई हिस्सों में अफगान सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष चल रहा है। उन्होंने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान के नियंत्रण की लड़ाई में रणनीतिक गति हासिल करता दिख रहा है। पेंटागन में कहा कि यह अफगानिस्तान की सुरक्षा, अफगानिस्तान सरकार और अफगानिस्तान के लोगों की इच्छाशक्ति एवं नेतृत्व की परीक्षा होगी।