अध्ययन: कुपोषण के चलते कोरोना के गंभीर होने का खतरा

कुपोषण का शिकार लोगों के लिए कोरोना वायरस बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।

Update: 2021-07-23 13:03 GMT

वाशिंगटन, एजेंसी। कुपोषण का शिकार लोगों के लिए कोरोना वायरस बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। कुपोषित बच्चे और वयस्क दोनों में ही कोरोना संक्रमण के बाद वेंटिलेटर पर जाने या मरने की संभावना अन्य स्वस्थ लोगों की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है। यह सर्वविदित है कि कुपोषित लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बीमारियों के होने का खतरा ज्यादा है, लेकिन कोरोना संक्रमण की स्थिति में उसके असर पर कोई अध्ययन सामने नहीं आया है। अब इसका अध्ययन किया गया है। इसे शोध पत्रिका साइंटिफिक रिपो‌र्ट्स में प्रकाशित हुआ है।

कैलिफोर्निया के ओरेंज काउंटी स्थित बच्चों के अस्पताल में पांच साल से ऊपर के बच्चों और 18 से 78 साल के वयस्कों पर यह अध्ययन किया गया है। इसमें कुपोषित बच्चों और कुपोषण का इतिहास रखने वाले वयस्क दोनों ही शामिल किए गए। इनकी तुलना सामान्य लोगों पर कोरोना वायरस के प्रभाव से की गई।
दोनों का अध्ययन करने के बाद पाया गया कि कुपोषण का इतिहास रखने वाले लोगों पर सामान्य लोगों की अपेक्षा कोरोना वायरस ने घातक असर किया। कुपोषित बच्चों और वयस्कों के संक्रमण का शिकार होने के बाद मैकेनिकल वेंटीलेटर पर जाने या मरने वालों की संख्या सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा रही। कुपोषित और सामान्य दोनों लोगों पर ये अध्ययन साथ-साथ किए गए थे। शोध में शामिल अस्पताल के शोधकर्ता डा. लुईस ने बताया कि इस अध्ययन में 8604 बच्चे और 94495 वयस्कों को शामिल किया गया था।
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