अध्ययन में खुलासा, जलवायु परिवर्तन स्ट्रोक-माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए ज्यादा घातक

Update: 2024-05-28 01:26 GMT
न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर संजय सिसौदिया के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन को लेकर एक अध्ययन किया, जिसमें सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन स्ट्रोक, माइग्रेन और मिर्गी जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए अधिक घातक है।
जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान हर इन्सान के जीवन पर किसी न किसी रूप में असर डाल रहा है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो मानसिक और तंत्रिका संबंधी विकारों जैसे स्ट्रोक, माइग्रेन, मिर्गी जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। इनके लिए जलवायु परिवर्तन बहुत घातक है।
शोधकर्ताओं के अनुसार अचानक बढ़ा बेहद ज्यादा तापमान और दैनिक तापमान में आया बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से जब वह दो ऋतुओं के लिए असामान्य हो तो जलवायु में आए ऐसे बदलाव मस्तिष्क संबंधी रोगों को प्रभावित करते देखे गए हैं। रात के समय तापमान भी बेहद मायने रखता है, क्योंकि गर्म रातें नींद में खलल डालती हैं। खराब नींद की वजह से दिमाग से जुड़ी कई समस्याएं पैदा होती हैं।
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