अध्ययन: पहले से कोविड-19 संक्रमित और टीका ले चुके लोगों के पास ओमिक्रोन से लड़ने के लिए होगी ज्यादा सुरक्षा

जो दर्शाता है कि अभी भी कुछ सुरक्षा प्रभाव देखा जा सकता है,'

Update: 2021-12-13 10:54 GMT

कोरोना वायरस का प्रकोप अभी जारी ही है, कि इसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ द्वारा दी गई चेतावनी के बाद से, नए वेरिएंट के खतरे को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं नए वैरिएंट को लेकर हाल ही में किए गए अध्ययनों में से एक के अनुसार, जो लोग पहले COVID-19 से संक्रमित थे और जिन्हें टीका लगाया चुका था, उनके पास ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ लड़ने के लिए अधिक मजबूत सुरक्षा होगी।

अध्ययन से पता चला
एक प्रयोगशाला में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि पिछले COVID-19 संक्रमण या टीकाकरण से जो सुरक्षा दी जा रही है, ओमिक्रोन वैरिएंट अपनी संभावित क्षमता में अन्य सभी वैरिएंट से कहीं ज्यादा है। इमर्जिंग माइक्रोब्स एंड इंफेक्शन जर्नल में प्रकाशित आखरी परिणाम यह भी बताते हैं कि कोविड-19 टीकों की तीसरी खुराक इम्यूनिटी को काफी बढ़ा सकती है लेकिन शायद ओमाइक्रोन से सुरक्षा का समझौता हो सकता है।
क्या कहना है चीन के शोधकर्ताओं का
चीन में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फूड एंड ड्रग कंट्रोल के शोधकर्ताओं ने कहा कि एसोसिएशन को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक शोध करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शोध के बाद आए परिणाम दक्षिण अफ्रीका में हाल के निष्कर्षों से मेल खाते हैं, जो बताते हैं कि ओमिक्रोन के लिए 'प्रतिरक्षा से बचना आसान' है।
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फूड एंड ड्रग कंट्रोल के अध्ययन के प्रमुख लेखक यूचुन वांग ने कहा, 'हमने पाया कि ओमिक्रोन वैरिएंट के बड़ी संख्या में म्यूटेशन ने उन लोगों के खिलाफ तटस्थता संवेदनशीलता (neutralisation sensitivity) में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनके पास पहले से ही COVID था।' वांग ने कहा, 'हालांकि, ओमिक्रोन के खिलाफ औसत ईडी 50 (सुरक्षा स्तर) अभी भी बेसलाइन से अधिक है, जो दर्शाता है कि अभी भी कुछ सुरक्षा प्रभाव देखा जा सकता है,'



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