ब्रिटेन में हुए अध्ययन से पता चला: डेल्टा स्वरूप के खिलाफ कारगर है कोविड टीका

लेकिन ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के दो खुराक की तुलना में यह प्रभाव तेजी से कम होता है।

Update: 2021-08-19 11:27 GMT

कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके की दो खुराक काफी प्रभावी हैं। इस बारे में पहले भारत में पता चला और अब ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में भी इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अध्ययन में पाया गया कि फाइजर/बायोएनटेक और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के टीके नए संक्रमण से बेहतर सुरक्षा देते हैं। इसमें सात लाख से अधिक लोगों पर अध्ययन किया गया। ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीके का उत्पादन भारत में कोविशील्ड के रूप में हो रहा है। विश्वविद्यालय के नूफील्ड डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन की तरफ से जारी निष्कर्ष में बताया गया, ''फाइजर/बायोएनटेक और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के टीके नए संक्रमण से अब भी बेहतर सुरक्षा देते हैं, लेकिन अल्फा (जिसकी पहचान पिछले वर्ष इंग्लैंड में हुई थी और ब्रिटेन में यह वैरिएंट चिंता का कारण भी था) की तुलना में प्रभाव कम है।'' इसने कहा, ''किसी भी टीके की दो खुराक अब भी उसी स्तर की सुरक्षा प्रदान करती हैं जो कोविड-19 होने के पहले प्राकृतिक सुरक्षा की थी; जिन लोगों ने कोविड-19 से उबरने के बाद टीका लिया है उनमें उन लोगों की तुलना में ज्यादा सुरक्षा है जिन्हें पहले कोविड-19 नहीं हुआ और उन्होंने टीका लगवाया है।'' अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ताओं में शामिल डॉ. कुएन पॉवेल्स ने कहा, ''टीके गंभीर बीमारी रोकने के लिए बेहतर हैं और संचरण रोकने में कम प्रभावी हैं।'' अध्ययन में यह भी पाया गया कि मॉडर्ना टीके की एक खुराक डेल्टा के खिलाफ उतना ही या ज्यादा प्रभावी है जितनी किसी अन्य टीके की एक खुराक प्रभावी है। फाइजर/बायोएनटेक टीके की दो खुराक का कोविड-19 के नए संक्रमण के खिलाफ शुरुआत में ज्यादा प्रभाव है लेकिन ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के दो खुराक की तुलना में यह प्रभाव तेजी से कम होता है।


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