न्यूजीलैंड के इतिहास में लगा बदनुमा दाग, इस सिरफिरे ने सड़कों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर 51 लोगों की ली थी जान
2013 में वह पूरा न्यूजीलैंड घूमा. फिर 2014 से 2017 के बीच बाकी दुनिया.
15 मार्च की तारीख शांति के लिए पहचाने जाने वाले न्यूजीलैंड के इतिहास में एक बदनुमा दाग छोड़ गया. ऐसा जख्म जो रह-रहकर सताता है. दो साल पहले एक सिरफिरे क्राइस्टचर्च शहर की सड़कों पर मौत का तांडव मचा दिया. 15 मार्च, 2019 को इस शख्स ने दो मस्जिदों में घुसकर ऐसा कत्लेआम मचाया कि पूरी दुनिया कांप उठी. ताबड़तोड़ फायरिंग में नमाज पढ़ने जा रहे 51 लोगों की मौत हो गई. इनमें पांच भारतीय भी शामिल थे. यही नहीं सिर पर कैमरा बांध उसने पूरी घटना को सोशल मीडिया पर लाइव भी किया.
ब्रेंटन टैरेंट नाम के शख्स की इस करतूत का खौफ हर किसी के चेहरे पर साफ देखा जा सकता था. 29 साल का यह शख्स ऑस्ट्रेलियाई मूल का है. 51 लोगों की हत्या, 40 से ज्यादा लोगों को घायल करने और आतंकवाद के आरोपों में उसे बिना परोल उम्रकैद की सजा सुनाई है. न्यूजीलैंड में सजा ए मौत का प्रावधान नहीं है. जज ने इस घटना को बेहद अमानवीय और निर्दयता से भरा हुआ माना और देश के कानून के हिसाब से कठोरतम सजा सुनाई.
नमाज पढ़ने आए लोगों के सीने में गोली मारी
ब्रेंटन टैरेंट पूरी तैयारी के साथ आया था. सबसे पहले उसने अल-नूर नाम की मस्जिद पर हमला बोला. चश्मदीदों के मुताबिक उसने नमाज पढ़ने आए कई लोगों के सीने में गोली मारी. करीब 20 मिनट तक वह फायरिंग करता रहा. पहले उसने उस कमरे को निशाना बनाया, जहां पुरुष थे. फिर वह महिलाओं के कमरे की ओर बढ़ा. उस समय वहां मौजूद लोगों ने उस खौफनाक घटना को बयां करते हुए बताया कि सब बस यही दुआ कर रहे थे कि उसकी गोलियां खत्म हो जाएं.
गोलियां खत्म हुईं तो दूसरी बंदूक से शुरू कर दी फायरिंग
टैरेंट यहीं नहीं रुका. गोलियां खत्म हुईं, तो वह अपनी कार से दूसरी राइफल ले आया और फिर से मौत बरसानी शुरू कर दी. इसके बाद वो लिनवुड इस्लामिक सेंटर की ओर निकल पड़ा. बिल्डिंग के बाहर खड़े दो लोगों को उसने गोलियों से भून दिया और अंदर घुस गया. फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. बाद में उसने बताया कि वो मस्जिद को आग लगाना चाहता था.
फेसबुक पर लाइव करता रहा
सबसे भयावह बात यह थी कि वह इस खौफनाक मंजर को फेसबुक पर लाइव कर रहा था. उसने अपने सिर पर कैमरा बांधा हुआ था, जिससे वह पूरे हमले को लाइव करने में लगा हुआ था. हालांकि बाद में फेसबुक और ट्विटर ने कदम उठाते हुए उसके अकाउंट को ब्लॉक किया.
हमले से पहले किया था भारत का दौरा
पुलिस को दिए बयान में टैरेंट ने यह भी खुलासा किया था कि उसने करीब तीन महीने का समय भारत में बिताया था. विस्तृत जांच रिपोर्ट में यह कहा गया है कि हमले से पहले उसने दुनियाभर की यात्रा की और लगभग तीन महीने भारत में बिताए. 2013 में वह पूरा न्यूजीलैंड घूमा. फिर 2014 से 2017 के बीच बाकी दुनिया.