नई दिल्ली। आर्थिक तंगहाली झेल रहे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पाकिस्तान में गेहूं की कमी से भारी किल्लत मची हुई है. गेहूं की भारी कमी के कारण पाकिस्तान में आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं. गंभीर आर्थिक संकट के कारण पहले से ही लोगों की जेब खाली हैं. इस महंगाई में सरकार लोगों तक आटे मुहैया कराने के लिए सब्सिडी के तहत मुफ्त में आटा बांट रही है. लेकिन सब्सिडी वाले आटे के लिए भीड़ इतनी ज्यादा है कि भगदड़ की वजह से लोगों की मौत हो रही है. समाचार एजेंसी मुताबिक, पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ प्रांत में सरकार की ओर से मुफ्त में बंट रहे आटे को लेने आई एक महिला की भगदड़ में कुचलकर मौत हो गई. महिला की उम्र 60 साल बताई जा रही है. इसके बाद गुस्साए लोगों ने जमकर बवाल काटा. इससे पहले सोमवार को भी मुजफ्फरगढ़ में आटा लेने आई एक 50 वर्षीय महिला की भगदड़ के दौरान मौत हो गई थी. पाकिस्तान के सरकारी सरकारी अधिकारियों ने शनिवार को बताया है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पिछले कुछ दिनों में सरकारी वितरण केंद्रों से मुफ्त आटा लेने की कोशिश के दौरान कम से कम चार बुजुर्गों की मौत हो गई है.
अधिकारी ने बताया कि आसमान छूती महंगाई से पार पाने के लिए पंजाब प्रांत में गरीबों के लिए मुफ्त आटा योजना की शुरुआत की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पेशावर में सब्सिडी वाला आटा न मिलने के बाद महिलाओं ने रोड जाम कर दिया. इसके अलावा, आंदोलनकारियों ने आस-पास के रेस्टोरेंट पर भी हमला बोल दिया. आंदोलनकारी देश में आटे की कमी के लिए रेस्टोरेंट को जिम्मेदार ठहराते हुए कह रहे हैं कि आम नागरिक आटा नहीं खरीद पा रहा है और रेस्टोरेंट वाले लजीज व्यंजन परोस रहे हैं. पाकिस्तान के प्रमुख शहर कराची समेत देश के कई अन्य प्रांतों में आटे की कीमत आसमान छू रही हैं. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार 20 किलो गेहूं के आटे के पैकेट की कीमत 3,100 रुपये तक पहुंच गई है. कराची में आटा 155 रुपये किलो तक बिक रहा है. पाकिस्तानी सांख्यिकी ब्यूरो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक हफ्ते में मुल्तान में आटे का पैकेट 200 रुपये और पेशावर में 100 रुपये तक महंगा हो गया है. पाकिस्तान पिछले कुछ महीनों से गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी, उच्च महंगाई दर और पाकिस्तानी मुद्रा में तेज गिरावट की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है. हालत ये हो चुकी है कि विदेशी मुद्रा की कमी के चलते पाक सरकार ने लगभग 90 हजार पाकिस्तानी नागरिकों का हज कोटा विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों को दे दिया है, ताकि 40 करोड़ डॉलर बचाए जा सके.