श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने प्रदर्शनकारियों के 'गो बैक होम' के नारों का दिया जवाब

वहीं उससे कुछ घंटे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर वे राष्ट्रपति भवन तक में घुस गए थे।

Update: 2022-08-01 04:04 GMT

श्रीलंका में आर्थिक हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं। लोगों को खाने-पीने की चीजों से लेकर ईंधन पाने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इन सब के चलते वहां के लोग अब नई सरकार के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा किए जा रहे विरोध का अब राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने जवाब दिया है। प्रदर्शनकारियों के 'Go Back Home' के नारों पर बोलते हुए राष्ट्रपति रानिल ने कहा कि जब मेरा घर ही प्रदर्शन में जला दिया गया है तो अब मैं किस घर में जाऊं।


घर को फिर से बनाने की कोशिश करें प्रदर्शनकारी
कोलंबो गजट की रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका के शहर कैंडी में बोलते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि कुछ लोगों ने घर जाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन तेज करने की धमकी दी है। इसके जवाब में विक्रमसिंघे ने कहा, ''मैं आपसे अपील कर रहा हूं कि ऐसा न करें क्योंकि मेरे पास जाने के लिए कोई घर नहीं है।'' विक्रमसिंघे ने कहा कि उनसे घर जाने की मांग करना सिर्फ समय की बर्बादी है, इसके बजाय प्रदर्शनकारियों को उनके जले हुए घर को फिर से बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

देश का पुनर्निर्माण करने में मांगी मदद
रानिल ने आगे कहा कि जिस व्यक्ति के पास घर नहीं है, उसे घर जाने के लिए कहने का कोई मतलब नहीं है," उन्होंने कहा कि उसके घर के पुनर्निर्माण के बाद प्रदर्शनकारी मांग कर सकते हैं कि वह घर जाए। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को या तो देश का पुनर्निर्माण करना चाहिए या उनके घर का।

प्रदर्शनों के चलते ही IMF से डील में हो रही देरी
राष्ट्रपति ने इसी के साथ कहा कि देश में फैली अशांति के कारण ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक संभावित सौदे में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि दिवालिया राष्ट्र को उसके आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदद मिल सके इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को साथ आना होगा।

प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास में लगा दी थी आग
बता दें कि 9 जुलाई को श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में घुसकर अभूतपूर्व आर्थिक संकट से नाराज होकर आग लगा दी थी। वहीं उससे कुछ घंटे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर वे राष्ट्रपति भवन तक में घुस गए थे।

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