Sri Lanka अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देगा

Update: 2024-10-06 11:22 GMT
 
Sri Lanka कोलंबो: भारत को घेरने चीन हमेशा से अपने पड़ोसी मुल्कों का फायदा उठाता रहा है। कभी पाकिस्तान, नेपाल तो कभी श्रीलंका। इन देशों की जमीन का इस्तेमाल ड्रेगन भारत को घेरने के लिए करता है लेकिन इस बार उसे पड़ोसी देश से करारा जवाब मिला है।
दरअसल, श्रीलंका दौरे पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात में श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने चीन को खरी खोटी सुनाई है। राष्ट्रपति दिसानायके ने जयशंकर से मुलाकात में कई मुद्दों पर बातचीत की। इसी दौरान उन्होंने कहा कि वह श्रीलंका की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ गतिविधियों के लिए नहीं होने देंगे। दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे सुरक्षा हित आपस में जुड़े हुए हैं। भारत ने श्रीलंका को उसकी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया और बदले में श्रीलंका ने कहा कि उसके क्षेत्र का इस्तेमाल भारत के सुरक्षा हितों के प्रतिकूल तरीके से नहीं होने दिया जाएगा।
जयशंकर के साथ एक बैठक में राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि समृद्ध श्रीलंका के उनके दृष्टिकोण को साकार करने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत का आर्थिक समर्थन अहम है। 23 सितंबर को दिसानायके के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार के सत्ता में आने के बाद श्रीलंका का दौरा करने वाले जयशंकर पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन पर श्रीलंका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा और निजी बांड धारक ऋण पुनर्गठन समझौते का समर्थन करेगा।
जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे ऊर्जा उत्पादन और संचरण और ईंधन और एलएनजी आपूर्ति के क्षेत्र में चल रही पहल अन्य क्षेत्रों के अलावा द्वीप राष्ट्र के लिए आर्थिक स्थिरता में योगदान देगी और राजस्व के नए स्रोत प्रदान करेगी।
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