श्रीलंका: राजपक्षे सरकार को लगा झटका, तीन और सांसदों के समर्थन वापस लिया
इटली में काम कर रहे लगभग 3,500 श्रीलंकाई कैथोलिक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
श्रीलंका में आर्थिक संकट के साथ ही सियासी उठापटक भी जारी है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने बुधवार को कहा कि वह सैद्धांतिक रूप से संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दलों के साथ एक सर्वदलीय सरकार बनाने के इच्छुक हैं। उन्होंने यह संदेश श्रीलंका सरकार (Sri Lankan Govt) से जुड़े राजनीतिक दलों के नेताओं को दिया।
चर्चा के बाद बनेगी सहमति
समाचार एजेंसी एएनआइ ने सिन्हुआ की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने कहा कि इस सर्वदलीय सरकार के ढांचे, कार्यकाल और विभागों पर चर्चा के बाद सहमति बननी चाहिए। राजपक्षे ने कहा कि प्रस्तावित सर्वदलीय सरकार प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के इस्तीफे के बाद बनाई जाएगी। उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन के राजनीतिक दलों के नेताओं को शुक्रवार को बैठक के लिए आमंत्रित किया है।
आर्थिक संकट की चपेट में श्रीलंका
उल्लेखनीय है कि 51 अरब अमेरिकी डालर के विदेशी कर्ज के साथ श्रीलंका आर्थिक संकट की चपेट में है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अनुसार इससे मानवीय संकट भी गहरा गया है क्योंकि खाद्य कीमतें आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही हैं और देश का खजाना भी खाली हो गया है।
सर्वदलीय सरकार बनाने की गुजारिश
सत्तारूढ़ गठबंधन के कई राजनीतिक दलों और धार्मिक नेताओं ने श्रीलंका के राष्ट्रपति से आर्थिक और राजनीतिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए एक सर्वदलीय सरकार स्थापित करने का आग्रह किया है।
पोप फ्रांसिस ने की यह अपील
वही समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पोप फ्रांसिस ने श्रीलंका सरकार से 2019 में 'ईस्टर रविवार' को हुए आतंकवादी हमलों के पीछे की सच्चाई को सार्वजनिक करने का आग्रह किया है। इन हमलों में 11 भारतीयों समेत लगभग 270 लोग मारे गए थे। पोप ने सोमवार को वेटिकन से इटली में काम कर रहे लगभग 3,500 श्रीलंकाई कैथोलिक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।