नई दिल्ली: श्रीलंका में छाया आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. अब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) अपने भाई महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) को प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाने के लिए राजी हो गए हैं.
बता दें कि श्रीलंका इन दिनों अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. ऐसे में देश में लगातार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे और पीएम महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में महंगाई चरम पर पहुंच गई है. लोग खाने पीने के सामानों के लिए सड़कों पर हैं. श्रीलंका में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की कमी, जरूरी चीजों का निर्यात धीमा होने और आयात बढ़ने से ये हालात पैदा हुए. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है.
2019 में चुनाव से पहले श्रीलंका की सत्ताधारी पार्टी एसएलपीपी ने दो बड़े वादे किए थे. पहला टैक्स में कटौती करेगी, और दूसरा किसानों को राहत देने का फैसला. सरकार बनने के बाद इन वादों को पूरा करने के लिए कदम उठाए गए. इसके चलते सरकार का खजाना और खाली हो गया.