Spanish flu: 106 साल की महिला को लगाई गई कोरोना वैक्सीन, बताया तब कैसे थे हालात
ब्राजील की रहने वाली 106 साल की जेलिया डि कार्वाल्हो मोर्ले ने हाल ही में कोरोना वायरस की वैक्सीन |
ब्राजील की रहने वाली 106 साल की जेलिया डि कार्वाल्हो मोर्ले (Zélia de Carvalho Morley) ने हाल ही में कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) लगवाई है. वो उन हजारों ब्राजीलियाई लोगों में से एक हैं, जिन्हें बुधवार को वैक्सीन लगाई गई. हालांकि जेलिया जैसे बहुत ही कम लोग इस दुनिया में हैं, जो दूसरी बार किसी महामारी के गवाह बने हैं. वह इससे पहले भी कोरोना वायरस जैसी एक अन्य महामारी का सामना कर चुकी हैं, जिसने उनके देश सहित पूरी दुनिया को करीब एक सदी पहले अपनी चपेट में ले लिया था.
जेलिया का जन्म साल 1914 में रियो डि जेनेरो में हुआ था. ये बात साल 1918-1920 की है, जब स्पैनिश फ्लू ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था. उस समय इस बीमारी से बचने के लिए कोई वैक्सीन भी नहीं थी. जेलिया कहती हैं, 'पूरा ब्राजील उसकी चपेट में आ गया था. बहुत सारे लोगों की मौत हो गई थी. मैं उसे भूल नहीं सकती.' अपनी प्यारी सी मुस्कान के साथ जेलिया ने एसोसिएट प्रेस से कहा, 'मुझे लगता है कि वैक्सीन काफी बेहतर होने वाली है. ये सब भगवान के हाथों में है.'
बुजुर्गों को लगाई जा रही वैक्सीन
ब्राजील सहित दुनिया के कई देशों में सबसे पहले वैक्सीन 100 साल के आसापस की उम्र वाले बुजुर्गों को लगाई गई है. ब्राजील में मंगलवार को ही टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई है. यहां चीनी कंपनी सिनोवेक की विकसति की गई वैक्सीन लोगों को लगाई गई है. इस देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 210,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. ये देश संक्रमण से दुनिया का तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है. जेलिया के डॉक्टर पॉलो सेसर कून्हा फैबियानो का कहना है कि जेलिया ने उन्हें बताया है कि करीब 100 साल पहले उनके माता-पिता भी फ्लू से पीड़ित हो गए थे.
स्पैनिश फ्लू के समय नहीं थी कोई दवा
डॉक्टर बताते हैं, 'जब वो (जेलिया) 6 से 7 साल की थीं, तो उनके पिता ने उन्हें बताया था कि लोग सड़कों पर मर रहे हैं. उस समय ना तो कोई एंटीबायोटिक्स थीं और ना ही कोई दवा. लोग मक्खियों की तरह मर रहे थे.' जहां जेलिया रहती हैं, वहां भी कई लोग कोविड-19 की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि बुजुर्गों को लेकर अब भी डॉक्टरों की चिंता बढ़ी हुई है. जेलिया के डॉक्टर कहते हैं, 'अब हमें कुछ शांति मिलने वाली है. अब हम डॉक्टरों को इस बात की चिंता नहीं रहेगी कि बुजुर्ग वायरस से संक्रमित हो जाएंगे.' उन्होंने ये भी बताया कि वायरस के कारण वह हाल के महीनों में अपने बहुत से दोस्तों और सहकर्मियों को खो चुके हैं.