दक्षिण कोरिया का केएफ-21 पहली उड़ान भरने को तैयार, जानें कितना खतरनाक
फिर भी इसे दक्षिण कोरिया के विमानन उद्योग के लिए मील का पत्थर बताया जा रहा है।
दक्षिण कोरिया का स्वदेशी लड़ाकू विमान KF-21 Boramae पहली उड़ान भरने को तैयार है। 4.5 जेनरेशन का यह लड़ाकू विमान दक्षिण कोरियाई वायु सेना और स्वदेशी हथियार उद्योग को बड़ी मजबूती देगा। दक्षिण कोरिया ने इस लड़ाकू विमान को पिछले साल अप्रैल में लॉन्च किया था। तब से लेकर अब तक इसकी पहली उड़ान की तैयारियां की जा रही थी। एशिया मिलिट्री रिव्यू के अनुसार, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक समाचार पत्र कूकांग इल्बो में बताया गया है कि KF-21 लड़ाकू विमान जुलाई में पहली उड़ान भरेगा। लड़ाकू विमान के पहली उड़ान से पहले इसके समग्र परीक्षण कार्यक्रम का 50% और सभी जमीनी परीक्षण आवश्यकताओं का 95% कार्य पूरा कर लिया गया है। इस विमान के 65 फीसदी उपकरण दक्षिण कोरिया के हैं।
4.5-पीढ़ी के विमानों के निर्धारण का पैमाना क्या है?
अमेरिकी सरकार 4.5-पीढ़ी के विमानों को उन्नत क्षमताओं के रूप में परिभाषित करती है, जिसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैंड एरे रडार, उच्च क्षमता वाले डेटा लिंक, उन्नत एवियोनिक्स और वर्तमान के उन्नत हथियारों को तैनात करने की क्षमता शामिल है। इस प्रकार 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान एफ-22 और एफ-35 जैसे पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमानों के मानकों के अनुरूप नहीं है। 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में यूएस एफ -15 ई / ईएक्स स्ट्राइक ईगल, चीनी चेंगदू जे -10 सी और रूस के सुखोई एसयू -35 शामिल हैं। दक्षिण कोरिया अपनी सामरिक जरूरतों के लिए अमेरिका पर से निर्भरता घटाना चाहता है। यही कारण है कि उसने स्वदेशी लड़ाकू विमान को बनाया है।
KF-21 प्रोजक्ट में इंडोनेशिया भी भागीदार
केएफ-21 दक्षिण कोरिया का फ्लैगशिप प्रोजक्ट है। इस प्रोजक्ट में दक्षिण कोरिया की सहायता इंडोनेशिया ने की है। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, इंडोनेशिया ने 7.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना की लागत का 20% वहन करने का वादा किया है। इससे पहले, इंडोनेशिया ने भुगतान की शर्तों को लेकर परियोजना से बाहर निकलने की धमकी दी थी। हालांकि, कोरिया हेराल्ड की रिपोर्ट है कि दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया ने पिछले नवंबर में भुगतान की शर्तों को अंतिम रूप दे दिया है। दक्षिण कोरिया के रक्षा अधिग्रहण कार्यक्रम प्रशासन के अनुसार इंडोनेशिया अगले पांच वर्षों में 2026 तक इस राशि का भुगतान करेगा।
क्रूज मिसाइलों को लॉन्च करेगा KF-21 लड़ाकू विमान
KF-21 की पहली उड़ान के बाद इसे हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया जाएगा। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि इस लड़ाकू विमान को क्रूज मिसाइलों को फायर करने लायक भी बनाया जाएगा। दरअसल, क्रूज मिसाइल साइज में लंबी होती हैं और फायर करने के दौरान उनसे विमान के अस्थिर होने का खतर होता है। इसलिए, दुनिया में भारत समेत चुनिंदा देश ही ऐसे हैं, जिनके पास ऐसी टेक्नोलॉजी पहले से ही मौजूद है।
दो इंजन वाला विमान दो वैरियंट में आएगा
दो इंजन वाला यह लड़ाकू विमान सिंगल और डबल सीट के वैरियंट में उपलब्ध होगा। इसमें डबल सीट वाले विमान ट्रेनिंग के लिए भी काम आएंगे। राष्ट्रपति मून जे-इन ने इस विमान को लॉन्च करते हुए इसे 'बोरमाए' या 'हॉक' का नाम दिया। उन्होंने इस विमान को दक्षिण कोरियाई विमानन उद्योग के विकास में एक मील का पत्थर बताया। इस विमान को दक्षिण Gyeongsang प्रांत के Sacheon में कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के प्रोडक्शन प्लांट में बनाया जाएगा।
65 फीसदी दक्षिण कोरियाई है विमान
ग्राउंड और फ्लाइट टेस्ट पूरा होने के बाद केएफ -21 लड़ाकू विमान का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। पहले चरण में साल 2028 तक 40 लड़ाकू विमानों के तैनाती की योजना बनाई गई है, जबकि 2032 तक इसे बढ़ाकर 120 कर दिया जाएगाा। उन्होंने दावा किया कि जब इस विमान का फुल स्केल प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा तो इससे 100,000 अतिरिक्त नौकरियां भी पैदा होंगी। यह विमान 65 फीसदी दक्षिण कोरियाई है, बाकी का साजो सामान अलग-अलग देशों से मंगाकर विमान में असेंबल किया जाएगा। फिर भी इसे दक्षिण कोरिया के विमानन उद्योग के लिए मील का पत्थर बताया जा रहा है।