दक्षिण कोरिया : कुत्ते के मांस पर लगाएगा बैन?

दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को कहा कि कुत्ते का मांस खाने को गैरकानूनी घोषित करने पर विचार करने के लिए वह कार्य बल का गठन करेगा.

Update: 2021-11-25 17:40 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को कहा कि कुत्ते का मांस खाने को गैरकानूनी घोषित करने पर विचार करने के लिए वह कार्य बल का गठन करेगा. गौरतलब है कि देश के राष्ट्रपति मून जे-इन (Moon Jae-in) ने करीब 2 महीने पहले देश में कुत्ते का मांस खाने की सदियों पुराने खाने-पीने की इस आदत को बदलने पर विचार करने की पेशकश की थी.

लोगों को नहीं पसंद प्रतिबंध
दरअसल दक्षिण कोरिया में कुत्ते का मांस बेचने वाले रेस्तरां बंद होने की कगार पर हैं. क्योंकि युवा वर्ग कुत्ते का मांस खाना कुछ खास पसंद नहीं कर रहा है और पालतू जानवर (कुत्ते-बिल्ली आदि पालने) का चलन भी बढ़ रहा है. इसके बावजूद, हाल में हुए सर्वे में ऐसा सामने आया है कि भले ही लोग कुत्ते का मांस ना खाते हों, लेकिन ज्यादा से ज्यादा लोग इसपर प्रतिबंध लगाने के विरुद्ध हैं.
जनता के विचार जानने के लिए तैयार किया प्लान
कृषि मंत्रालय सहित सरकार के 7 विभागों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि उन्होंने अधिकारियों, नागरिक/असैन्य विशेषज्ञों और संबंधित संगठनों से जुड़े लोगों का एक समूह गठित करने का फैसला लिया है जो कुत्ते के मांस पर प्रतिबंध लगाने की संभावनाओं पर अपना विचार/सिफारिश दे सके. बयान में कहा गया है कि प्रशासन कुत्तों के फार्म, रेस्तरां और अन्य जगहों से भी सूचनाएं एकत्र करेगा और इस संबंध में जनता के विचार जानेगा.
सरकार की हो रही आलोचना
यह दक्षिण कोरिया की ओर से पहला प्रयास होगा, लेकिन सरकार का कहना है कि इस पूरी कवायद का मतलब यह नहीं है कि कुत्ते का मांस खाने पर प्रतिबंध लगाया ही जाएगा. हालांकि, सरकार के इस ढुलमुल रवैये के चलते उसे कुत्ते पालने वाले लोगों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं दोनों ही की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
सालाना मार दिए जाते हैं इतने कुत्ते
कुत्ता पालने वाले किसानों के संघ के महासचिव जो यांगबांग के अनुसार दक्षिण कोरिया में प्रति वर्ष खाने के मकसद से करीब 10 से 15 लाख कुत्तों को मार दिया जाता है. 10-20 साल पहले इनकी संख्या कई लाख होती थी. देश में इस समय हजारों किसान प्रति वर्ष मांस प्राप्त करने के लिए 10 से 20 लाख कुत्तों का प्रजनन करवाते हैं.


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