पृथ्वी से आज टकराएगा सौर तूफान, पावर ग्रिड और सैटेलाइट के लिए खतरा

फ्लेयर को देखने के लिए X-Ray और ऑप्टिकल लाइट इस्तेमाल की जाती हैं।

Update: 2022-07-24 04:01 GMT

वॉशिंगटन : साल 2022 की शुरुआत से ही सूर्य पर गतिविधियां बढ़ी हुई हैं और लगातार विस्फोट हो रहे हैं जिनसे सौर लहरें निकल रही हैं। पिछले दिनों कई बार इन सौर तूफानों का असर धरती पर देखने को मिला जब अमेरिका और कई अन्य देशों में रंगबिरंगे अरोरा दिखाई दिए। पिछले गुरुवार को भी सूर्य पर एक बड़ा धमाका हुआ और सुनाई आई। सूर्य पर इस हलचल का असर शनिवार को धरती पर दिखाई दे सकता है। इस धमाके (कोरोनल मास इजेक्शन) से निकलने वाली सौर लहरें धरती के चुंबकीय क्षेत्र से टकरा सकती हैं।


कोलकाता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इन स्पेस साइंसेज इंडिया ने बताया कि सूर्य पर बड़ा ट्रांस-इक्वेटोरियल कोरोनल होल देखा गया है, जिससे लगातार सौर हवाएं निकल रही हैं और इनके धरती के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने की संभावना है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि शनिवार का सोलर तूफान रेडियो ब्लैकआउट की स्थिति पैदा कर सकता है। जब सूर्य के वातावरण (कोरोना) से आवेशित कण बाहर ब्लास्ट होते हैं तो इसे कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं।

पावर ग्रिड और सैटेलाइट के लिए खतरा
जब ये कण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं तो धरती पर खूबसूरत अरोर बनते हैं। लेकिन ये तूफान पावर ग्रिड, स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन और सैटेलाइट्स के लिए खतरा बन सकते हैं। इससे पहले एक सौर तूफान के कारण मंगलवार की रात को आसमान में औरोरा देखने को मिला था। औरोरा को 'ध्रुवीय लाइट' भी कहा जाता है, जो उच्च अक्षांश वाले क्षेत्रों में देखे जाते हैं। स्पेस वेदर के मुताबिक 19 जुलाई को ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में एक दरार खुलने के बाद सौर हवाएं पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में प्रवेश कर गई, जिसके कारण एक G1 श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान देखा गया।
क्या होती हैं सौर लहरें?
NASA के मुताबिक सोलर फ्लेयर वह रेडिएशन होते हैं जो सूर्य से फट कर निकलते हैं। सूर्य पर मौजूद धब्बे जिन्हें सनस्पॉट कहा जाता है, ये उनसे बाहर निकलते हैं। सोलर फ्लेयर हमारे सोलर सिस्टम के सबसे बड़े एक्सप्लोजिव इवेंट्स में से हैं। फ्लेयर को देखने के लिए X-Ray और ऑप्टिकल लाइट इस्तेमाल की जाती हैं।

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