पृथ्वी पर दस्तक देने वाला है 'सौर तूफान', इंटरनेट हो सकता है ठप
सौर तूफान से इंटरनेट हो सकता है ठप
सौरमंडल (Solar System) के केंद्र में हमारा सूर्य (Sun) मौजूद है, जो पृथ्वी के लिए एक प्रमुख ऊर्जा का स्रोत है. ये न केवल पृथ्वी पर जीवन के विभिन्न रूपों को बनाए रखने के लिए गर्मी और रोशनी प्रदान करता है, बल्कि यह अपने आस-पास की सभी चीजों के लिए धुरी बिंदु के रूप में भी कार्य करता है.
वहीं, बाहरी अंतरिक्ष (Outer Space) एक अत्यधिक अस्थिर क्षेत्र है, जहां ब्रह्मांडीय घटनाएं लगातार होती रहती हैं. सूर्य हमारे सौरमंडल (Solar System) का हिस्सा है, ऐसे में सूर्य में भी कुछ गतिविधियां होती हैं. ऐसी ही एक घटना है, जिसे सौर तूफान (Solar System) कहा जाता है. जल्द ही ये आना वाला है और इसकी वजह से रिसर्चर्स और आम लोग चिंतित हैं.
सूर्य की सतह पर होने वाले विस्फोट से ऊर्जा निकलती है, जिसे सन फ्लेयर कहा जाता है. विस्फोट से सतह से बड़ी मात्रा में चुंबकीय ऊर्जा भी निकलती है, जिससे सूरज के कोरोना या सूर्य की बाहरी सतह का कुछ हिस्सा खुल जाता है. ये आग की लपटों की तरह दिखाई देती है. इसकी वजह से अति सूक्ष्म न्यूक्लियर पार्टिकल भी निकलते है. यह कण पूरी ऊर्जा के साथ ब्रह्मांड में फैल जाते हैं. जिसे सौर तूफान कहा जाता है.
सौर तूफान कई प्रकार के होते हैं जो उनके होने और निकलने वाली ऊर्जा पर निर्भर करते हैं. सबसे आम सोलर फ्लेयर है, जो सनस्पॉट के पास सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र की परस्पर मिलने की वजह से निकलने वाली ऊर्जा होती है.
अक्सर सोलर फ्लेयर के बाद कोरोनल मास इजेक्शन घटना या एक CME होता है. इस दौरान सूर्य की सतह से बाहर निकलने वाले आयनित कणों का एक जबरदस्त विस्फोट होता है. इस दौरान ये अपने रास्ते में हर चीज को कवर कर लेती है.