नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन को तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसे में एक नई जंग शुरू हो गई है। दरअसल, दिल्ली में आयोजित होने वाले 9 एवं 10 सितंबर को होने वाली बैठक से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से विदेशी मेहमानों को आमंत्रण पत्र भेजा गया। इस निमंत्रण पत्र पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह की ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ (India vs Bharat) लिखा था। तत्पश्चात, राजनीतिक गलियारों में ये कयास लगने आरम्भ हो गए कि केंद्र सरकार देश का नाम बदल रही है। इस बात पर चर्चा तेज हो गई कि भाजपा इंडिया की जगह देश का आधिकारिक नाम भारत करना चाहती है।
वहीं, अब इस बढ़ते विवाद पर पाकिस्तान की तरफ से कुछ खबरे आनी आरम्भ हो गई है। पाकिस्तान की एक स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इंडिया के नाम पर अपना दावा कर सकती है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यदि इंडिया नाम की आधिकारिक मान्यता रद्द हो जाती है तो पाकिस्तान इंडिया के नाम पर अपना दावा पेश कर सकता है। प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि संयुक्त राष्ट्र में इंडिया की मान्यता रद्द हो जाती है तो पाकिस्तान इंडिया नाम पर दावा पेश कर सकता है। आपको बता दें कि पाकिस्तान लंबे वक़्त से ये दलील देता आया है कि इंडिया नाम पाकिस्तान के सिंधु क्षेत्र को दर्शाता है। ऐसे में पाकिस्तान इंडिया नाम को हाथों हाथ लपक सकता है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम मोहम्मद अली जिन्ना नाम का विरोध किया था। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत की तरफ से स्वतंत्र देश के तौर पर इंडिया नाम अपनाने पर आपत्ति व्यक्त की थी। उन्होंने इसकी जगह हिंदुस्तान या भारत नाम का सुझाव दिया था। वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के एक महीने पश्चात् मोहम्मद अली जिन्ना ने लुईस माउंटबेटन द्वारा भेजे गए कला प्रदर्शनी के अध्यक्ष बनने पर मना कर दिया था। दरअसल उस निमंत्रण पत्र पर हिंदुस्तान की जगह इंडिया शब्द का इस्तेमाल किया गया था। इस पर जिन्ना ने माउंटबेटन को पत्र लिखकर कहा था कि बड़े ही दुख की बात है कि अज्ञात वजहों के कारण भारत ने इंडिया नाम अपना लिया।