पानी को लेकर किर्गिस्तान और तजाकिस्तान में झड़प, फायरिंग में तीन नागरिकों की मौत
मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान और तजाकिस्तान में पानी को लेकर हुई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: बिश्केक। मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान और तजाकिस्तान में पानी को लेकर हुई,फायरिंग में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच शुरू हुई पत्थरबाजी में सुरक्षाबल भी शामिल हो गए। जिसके बाद किर्गिस्तान और तजाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने एक दूसरे पर गोलियां भी चलाईं। वहीं, पत्थरबाजी में भी कई लोगों के घायल होने की खबर है। यह झड़प तजाकिस्तान के सुग्ग प्रांत और किर्गिस्तान के दक्षिणी बाटकेन प्रांत के बीच स्थित सीमा पर हुई।
पानी को लेकर शुरू हुआ था विवाद
दोनों देशों के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है। सोवियत संघ से अलग होने के बाद इन दोनों देशों के बीच कई इलाके ऐसे हैं, जहां कोई स्थायी सीमांकन नहीं है। इन इलाकों पर दोनों देश दावा करते हैं, जिस कारण पहले भी कई बार झड़पें हो चुकी हैं। इस बार का विवाद इतना गंभीर था कि दोनों देशों ने अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती तक कर दी है।
एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
दोनों देश इस्फ़ारा नदी पर स्थित एक जलाशय और पम्पिंग स्टेशन पर अपना दावा करते हैं। दोनों पक्षों के निवासियों ने झड़पों के बढ़ने से पहले एक दूसरे पर पत्थर फेंके। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाई। किर्गिस्तान की राज्य राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने तजाकिस्तान पर इस जलाशय से पानी चुराने का आरोप लगाया है। वहीं तजाकिस्तान ने कहा कि यह सुविधा उनसे संबंधित है और उन्होंने किर्गिस्तान की सेना पर फायरिंग करने का आरोप लगाया।
युद्धविराम को लेकर सक्रिय दोनों देश
सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रालय लगातार बातचीत कर रहे हैं। किर्गिस्तान और तजाकिस्तान ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने आपसी बातचीत के बाद सीमा से अतिरिक्त सैनिकों को हटा लिया है। हालांकि, किर्गिस्तान सरकार के एक सूत्र ने कहा कि उन्हें डर है कि पीछे हटने से वे स्थायी रूप से इस इलाके को खो सकते हैं।
सीमावर्ती गांवों को कराया गया खाली
बताया जा रहा है कि एक तालाब को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद किर्गिज़ सीमा चौकी पर तजाकिस्तान की सेना ने मोर्टार दागा। जिसके बाद किर्गिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए तजाकिस्तान की एक बार्डर चौकी पर कब्जा जमा लिया। तनाव बढ़ता देख दोनों देशों ने सीमा के आसपास के कई गांवों को खाली करवा लिया।