श्रीलंका में बिगड़े हालात, प्रदर्शनकारियों ने पीएम रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में लगाई आग

प्रवेश द्वार पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति आवास को अपने आवास तथा कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं.

Update: 2022-07-10 03:31 GMT

कोलंबो: श्रीलंका में जारी अभूतपूर्व आर्थिक संकट के खिलाफ देश भर में चल रहे भारी विरोध प्रदर्शन के बीच शनिवार को प्रदर्शनकारियों का एक समूह प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में दाखिल हो गया और उसमें आग लगा दी. यह घटना विक्रमसिंघे द्वारा सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश किए जाने के कुछ घंटे के बाद हुई. वहीं, राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे नीत सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर देश में प्रदर्शन तेज हो गए हैं.

प्रदर्शनकारी विक्रमसिंघे के आवास में दाखिल हुए और सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शकारियों के बीच तनावपूर्ण स्थिति होने पर उन्होंने उस स्थान को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बावजूद वे प्रधानमंत्री के आवास में दाखिल हो गए और उसे आग के हवाले कर दिया.


इससे पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि वह इस्तीफा देने के इच्छुक हैं ताकि देश में सर्वदलीय सरकार गठित करने के लिये रास्ता बन सके. प्रधानमंत्री के मीडिया प्रभाग ने कहा कि सर्वदलीय सरकार बनने और संसद में बहुमत साबित होने के बाद वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे. उनके कार्यालय ने कहा कि विक्रमसिंघे तब तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे.
विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं से कहा कि वह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पद छोड़ने का निर्णय ले रहे हैं कि इस सप्ताह से देशव्यापी ईंधन वितरण दोबारा शुरू किया जाना है, विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक इस सप्ताह देश का दौरा करने वाले हैं और आईएमएफ के लिए ऋण निरंतरता रिपोर्ट को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाना है.
इससे पहले, श्रीलंका में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को मध्य कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में अवरोधकों को हटाकर उनके (राष्ट्रपति के) आधिकारिक आवास में घुस गए. सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में दो पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 30 लोग घायल हो गए.
प्रदर्शनकारी देश में गंभीर आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है. वह अप्रैल में प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति आवास को अपने आवास तथा कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं.

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