अंतरिक्ष में कदम रखने वाली चौंथी भारतीय बनने वाली हैं सिरिशा बांदला, वर्जिन गैलेक्टिक की यूनिटी-22 से सफल उड़ान भरी
भारतवंशी बेटी सिरिशा बांदला ने वर्जिन गैलेक्टिक की यूनिटी-22 से रविवार की रात 8 बजे अंतरिक्ष की सफल उड़ान भरी
भारतवंशी बेटी सिरिशा बांदला ने वर्जिन गैलेक्टिक की यूनिटी-22 से रविवार की रात 8 बजे अंतरिक्ष की सफल उड़ान भरी. अंतरिक्ष में चौथी बार किसी भारतीय के कदम पड़े हैं. सिरिशा बांदला चौथी भारतवंशी और तीसरी भारतीय मूल की महिला हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में उड़ान भरी है. इससे पहले स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा, कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष और स्पेस स्टेशन की यात्रा कर चुके हैं.
सिरिशा बांदला (Sirisha Bandla) रिचर्ड ब्रैन्सन (Richard Branson) की स्पेस कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक (Virgin Galactic) के अंतरिक्ष यान VSS Unity में बैठकर अंतरिक्ष की सैर पर रवाना हुई हैं. सिरिशा बांदला रिचर्ड ब्रैन्सन के पांच अंतरिक्षयात्रियों में से एक हैं. सिरिशा वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी के गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस की वाइस प्रेसीडेंट हैं. सिर्फ छह सालों में सिरिशा ने वर्जिन गैलेक्टिक में इतनी सीनियर पोस्ट हासिल की है. ऊपर दी गई फोटो में आप स्पेसक्राफ्ट में बैठे रिचर्ड ब्रैन्सन को देख सकते हैं. दाहिने तरफ पीछे सिरिशा बैठी हैं.
VSS Unity को यूनिटी 22 भी पुकारा जा रहा है. इसमें कुल मिलाकर 6 लोग जा रहे हैं. दो पायलट और चार पैसेंजर. इस क्रू में रिचर्ड ब्रैन्सन भी शामिल हैं. इसकी लॉन्चिंग न्यू मेक्सिको स्थित लास क्रुसेस के स्पेसपोर्ट अमेरिका से हुई. यूनिटी यान को VMS Eve के ऊपर लगाकर 50 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाकर छोड़ दिया. इसके बाद यह स्पेसक्राफ्ट खुद ही अंतरिक्ष की ओर आगे बढ़ गया. अंतरिक्ष की यह यात्रा करीब 1 घंटे 5 मिनट की होगी. उसके बाद VSS Unity वापस स्पेसपोर्ट पर लैंड करेगा.
स्पेसपोर्ट से लॉन्च से लैंडिंग तक का कुल समय करीब 90 मिनट का होगा. VSS Unity करीब चार मिनट तक धरती की निचली कक्षा में रहेगा. इस दौरान अंतरिक्षयात्रियों को जीरो ग्रैविटी का अहसास होगा. रिचर्ड के साथ चीफ एस्ट्रोनॉट इंस्ट्रक्टर बेथ मोसेस (Beth Moses), लीड ऑपरेशंस इंजीनियर कोलिन बेनेट (Colin Bennett), गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस की वाइस प्रेसीडेंट सिरिशा बांदला (Sirisha Bandla) रहेंगे.
VSS Unity को डेव मैके (Dave Mackay) और माइकल मासुसी (Michael Masucci) उड़ाएंगे. जबकि, VMS Eve को पायलट सीजे सट्रकोव और केली लैटीमर उड़ाएंगे. सिरिशा के अंतरिक्ष में जाने की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर उन्हें बधाइयां देने वालों की भीड़ लग गई है. लोग इन्हें भारत, आंध्र प्रदेश, गुंटूर सभी जगहों से जोड़कर गर्व महसूस कर रहे हैं. सिरिशा आंध्र प्रदेश के गुंटूर की रहने वाली हैं. सिरिशा ने पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल / एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग से ग्रैजुएट किया है. उसके बाद उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री ली है. सिरिशा फिलहाल वर्जिन ऑर्बिट के वॉशिंगटन ऑपरेशंस को भी संभाल रही हैं.
सिरिशा तेलुगू एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (TANA) से भी जुड़ी हुई है. यह उत्तरी अमेरिका का सबसे पुराना और बड़ा इंडो-अमेरिकन संगठन है. कुछ साल पहले ही TANA ने सिरिशा को यूथ स्टार अवॉर्ड ने नवाजा था. इसके अलावा सिरिशा अमेरिकन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी एंड फ्यूटर स्पेस लीडर्स फाउंडेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं. साथ ही वह पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के यंग प्रोफेशनल एडवाइजरी काउंसिल की सदस्य हैं.