सिनवार की मौत से गाजा संघर्ष खत्म करने के प्रयासों को मिल सकती है गति, अमेरिका और जर्मनी का दावा
बर्लिन: हमास नेता याह्या सिनवार की मौत के बाद अमेरिका और जर्मनी ने बड़ा दावा किया। दोनों देशों का कहना है कि सिनवार की मौत के बाद गाजा पट्टी में संघर्ष खत्म करने की दिशा में सहजता से आगे बढ़ा जा सकता है।
जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि याह्या सिनवार एक निर्दयी हत्यारा और आतंकवादी था, जो इजरायल को खत्म करने और वहां के लोगों को मौत के घाट उतारने पर उतारू था। पिछले साल 7 अक्टूबर को शुरू हुए आतंकवादी हमलों का वह मास्टरमाइंड था, जिसने हजारों लोगों को मौत के घाट उतारा था। शुक्रवार को बर्लिन में हुई बैठक के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री ने संयुक्त बयान में कहा कि सिनवार ने गाजा में संघर्ष विराम के रास्ते में बाधा डाली थी। उसकी मौत संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों की गति को बढ़ा सकती है। सभी बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए।
इस दौरान दोनों नेताओं ने गाजा में नागरिकों के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता बढ़ाए जाने की दिशा में जर्मनी और अमेरिका अपने साझेदारों के साथ मिलकर काम करेंगे। उल्लेखनीय है कि गुरुवार शाम इजरायल ने याह्या सिनवार के मारे जाने की पुष्टि की थी। सिनवार 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले का मास्टरमाइंड था। इस हमले में इजरायल में 1200 लोगों की मौत हुई है और 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया है।
इजरायली रक्षा बलों के प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ज़ी हलवी ने गुरुवार को अपने बयान में कहा था कि एक साल तक चले लंबे और दृढ़ प्रयास के बाद, हमारी सेनाओं ने हमास आतंकी संगठन के नेता याह्या सिनवार को खत्म कर दिया। सिनवार कई इजरायली नागरिकों के नरसंहार और अपहरण के लिए जिम्मेदार था। मैंने कल गाजा पट्टी में हुई झड़प में उसे मार गिराया।
सिनवार को हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख नियुक्त किया गया था, उसे इस्माइल हानिया का स्थान लिया, जो इस साल जुलाई में तेहरान में ईरान के नए राष्ट्रपति मासूद पेज़ेश्कियन की शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मारा गया था। इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास से बदला लेने के लिए गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाया था।
गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि इजरायल हमलों के कारण फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 42,500 हो गई है।