प्रतिबंधों से छूट के लिए कई प्रस्तावों पर हस्ताक्षर, अमेरिका-ईरान के बीच अहम दौर में पहुंची परमाणु वार्ता

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि समझौते में वापसी के लिए समर्थन जुटाना महत्वपूर्ण है

Update: 2022-02-05 16:17 GMT
वाशिंगटन, एजेंसी। वर्ष 2015 की परमाणु वार्ता को बचाने की पहल के अहम दौर में पहुंचने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए प्रतिबंधों से कुछ राहत प्रदान की। ईरान ने इस कदम का स्वागत तो किया, लेकिन अपर्याप्त बताया है।
वार्ता के अहम सत्र के लिए अमेरिकी वार्ताकारों के वियना पहुंचने के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ईरान को असैन्य परमाणु गतिविधियों से संबंधित कई प्रतिबंधों से छूट के लिए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। इन छूट का उद्देश्य ईरान को वर्ष 2015 के समझौते के पालन के लिए प्रेरित करना है। वर्ष 2018 में ट्रंप इस समझौते से पीछे हट गए थे और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था। इसके बाद से ईरान प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि समझौते में वापसी के लिए समर्थन जुटाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अन्य पक्षों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस व यूरोपीय संघ को समझौते की वार्ता में शामिल करने के लिए छूट आवश्यक है। इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने ट्वीट किया, 'हमने ईरान को प्रतिबंधों से राहत नहीं दी है। हम ईरान को संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं पर लौटने तक ऐसा नहीं करेंगे। हमने बस वही किया है, जो हमारे पूर्ववर्ती प्रशासन ने किया था।'
दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने समझौते से हटने के बाद भी चीन, रूस व यूरोप की कंपनियों पर लागू होने वाली छूट को अनिच्छा से मंजूरी दे दी थी, लेकिन मई 2020 में पूर्व गृहमंत्री माइक पोंपियो ने इसे रद कर दिया था। ईरान का कहना है कि वह समझौते का सम्मान नहीं कर रहा, क्योंकि अमेरिका ही पहले इससे अलग हो गया था। ईरान ने सभी प्रतिबंधों से राहत की बहाली की मांग की है।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में जो बाइडन ने परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी को प्राथमिकता दी थी और उनके प्रशासन ने इस लक्ष्य पर काम भी किया। हालांकि, प्रगति बहुत कम हुई है। प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वियना वार्ता को आगे ब़़ढाने में मदद करने के लिए छूट को बहाल किया जा रहा है। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीरबदुल्लाहियन ने शनिवार को तेहरान में संवाददाताओं से कहा, 'प्रतिबंधों से राहत को सद्भावना के रूप में देखा जाना चाहिए, लेकिन यह कदम पर्याप्त नहीं है। सद्भावना से हमारा आशय है कि धरातल पर कुछ ठोस चीजें आकार लें।' उन्होंने कहा कि अमेरिका को ब़़डी शक्तियों के साथ वषर्ष 2015 के परमाणु समझौते को फिर से बहाल करना चाहिए।
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