आलू की किल्लत के चलते हुई फ्रेंच फ्राइज की कमी, McDonald's को उठाना पड़ा ये कदम
बोतल ड्रिंक्स को उपलब्ध कराने में परेशानी का सामना कर रही है.
जापानी इन दिनों खुलकर फ्रेंच फ्राइज (French Fries) का लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फूड कंपनी मैकडॉनल्ड्स (McDonalds In Japan) के आउटलेट उन्हें 'कंजूसी' के साथ फ्रेंच फ्राइज परोस रहे हैं. दरअसल, जापान में फ्रेंच फ्राइज बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले आलू की कमी हो गई है. जिसकी वजह से कंपनी केवल स्मॉल साइज में फ्रेंच फ्राइज की बिक्री करने को मजबूर है.
30 दिसंबर तक ऐसे ही रहेंगे हाल
मैकडॉनल्ड्स (McDonalds) का कहना है कि उसे आलू (Potato) के शिपमेंट में देरी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते शुक्रवार से 30 दिसंबर तक जापान में फ्रेंच फ्राइज का केवल स्मॉल साइज ही बेचा जाएगा. कंपनी ने कहा कि जापान में अब 30 दिसंबर तक मीडियम साइज और लार्ज साइज के फ्रेंच फ्राइज की बिक्री नहीं होगी. ये निर्णय चिप्स की कमी होने के चलते लिया गया है.
इस वजह से हो रही शिपमेंट में देरी
फास्ट फूड कंपनी ने कहा कि कनाडा में वैंकूवर के पास एक बंदरगाह से फ्रेंच फ्राइज बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले आलू का इम्पोर्ट होता है. वहीं बाढ़ से हुए नुकसान और महामारी के चलते जहाजों को देरी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से जापान में आलू की कमी हो गई और इसका सीधा असर फ्रेंच फ्राइज पर पड़ा है. लिहाजा जब तक आपूर्ति सामान्य नहीं हो जाती, कंपनी ने स्मॉल साइज में फ्रेंच फ्राइज बेचने का फैसला लिया है.
पहले भी लिया था ऐसा फैसला
ऐसा पहली बार नहीं है कि मैकडॉनल्ड्स को जापान में इस तरह अपने पोर्शन में कटौती करनी पड़ी हो. 2014 में अमेरिका के पश्चिमी तट पर 29 बंदरगाहों पर 20,000 डॉकवर्कर्स, टर्मिनल ऑपरेटरों और शिपिंग लाइनों के बीच एक लंबा औद्योगिक विवाद फ्रेंच फ्राइज की कमी का कारण बना था. जिसके बाद कंपनी ने केवल एक हजार टन आलू की बिक्री करते हुए फ्रेंच फ्राइज के छोटे हिस्से बेचने का आपातकालीन कदम उठाया था. गौरतलब है कि इस साल अगस्त में मैकडॉनल्ड्स ने कहा कि वो ब्रिटेन में अपने 1,250 आउटलेट्स पर शेक और बोतल ड्रिंक्स को उपलब्ध कराने में परेशानी का सामना कर रही है.