VIDEO: USS Gerald R Ford के शॉक ट्रायल से कांपा समुद्र, हजारों किलो विस्फोट से आया 3.9 तीव्रता का भूकंप
अमेरिकी नौसेना का सबसे खतरनाक हथियार दुनिया को दहलाने को तैयार दिख रहा है.
अमेरिकी नौसेना का सबसे खतरनाक हथियार दुनिया को दहलाने को तैयार दिख रहा है. अपने अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर USS Gerald R Ford ने ट्रायल के दौरान एक बार फिर से समुद्र में भूकंप ला दिया. अमेरिकी नौसेना के एयरक्राफ्ट का दूसरा इन वॉटर शॉक ट्रायल (in-water shock trail) पूरा हो चुका है. हालांकि पहले तकनीकी कमियों के चलते इसे रोकना पड़ा था.
16 जुलाई को USS Gerald R Ford से कुछ सौ मीटर की दूरी पर हजारों किलोग्राम के बम का विस्फोट किया गया. यह धमाका इतना तेज था कि भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. एयरक्राफ्ट कैरियर पर मौजूद लोगों के लिए अपने पैरों पर खड़े होना मुश्किल हो गया. यहां तक कि USS Gerald R Ford पर 3.9 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. इसका पहला शॉक ट्रायल पिछले महीने 18 जून को किया गया था. उस समय भी फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में सुनामी जैसा माहौल बन गया था.
कुल तीन ट्रायल होने हैं
USS Gerald R Ford के कुल तीन शॉक ट्रायल होने हैं. ट्रायल्स के दौरान अमेरिकी नौसेना इस एयरक्राफ्ट कैरियर की युद्ध क्षमता की जांच करना चाहती है. तीनों ही ब्लास्ट पानी के भीतर होने हैं. वो भी जहाज के पास. हर ब्लास्ट के बाद क्रू सदस्य फोर्ड के सभी बड़े शिप सिस्टम की जांच करेंगे. जांच के दौरान वे यह सुनिश्चित करेंगे कि ब्लास्ट से जहाज को किसी तरह का कोई नुकसान तो नहीं हुआ.
एक जुलाई को होना था दूसरा ट्रायल
नौसेना समुद्री सिस्टम कमांड की प्रवक्ता कैथरीन बिनफेंग ने डिफेंस न्यूज से कहा, 'फोर्ड को दूसरा शॉक शॉट एक जुलाई को होना था. मगर तकनीकी कारणों के चलते यह संभव नहीं हो पाया. एक जुलाई को अमेरिकी नौसेना के दो इंजीनियरों ने दो बार विस्फोट करने की कोशिश की, लेकिन एयरक्राफ्ट कैरियर के सहायक पोत पर तैनात एक जरूरी उपकरण फेल हो गया. इसके बाद 16 जुलाई को यह ट्रायल हुआ.' उन्होंने बताया कि शॉक ट्रायल के दौरान कैरियर तय समय के भीतर पूरी तरह से ट्रैक पर रहा.
18 जून का आया था 'भूकंप'
अमेरिकी नौसेना ने जब फोर्ड का पहला इन-वॉटर शॉक ट्रायल किया था, तो फ्लोरिडा के समुद्र में भूकंप जैसी स्थिति आ गई थी. धमाका इतना जोरदार था कि काफी दूर समुद्र तट पर खड़े लोग भी अपनी जगहों से हिल गए.