राष्ट्रपति बाइडन को झटका: सुप्रीम कोर्ट ने गन रखने को बताया मौलिक अधिकार

सामूहिक गोलीबारी के बाद कांग्रेस हथियार कानून पर सक्रियता से काम कर रही है.

Update: 2022-06-24 06:12 GMT

वॉशिंगटन. अमेरिका में आए दिन हो रही मॉब फायरिंग की घटनाओं से वहां खुलेआम बंदूक लेकर चलने पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज हो गई है. इस बीच न्यूयॉर्क स्टेट राइफल एंड पिस्टल एसोसिएशन बनाम ब्रुएन केस पर फैसला सुनाते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जो बाइडन प्रशासन को झटका दिया है. कोर्ट ने कहा- 'अमेरिकियों को गन लेकर चलने पर रोक नहीं लगाई जा सकती. न ही इसमें कोई शर्त जोड़ी जा सकती है. गन लेकर चलना अमेरिकियों का मौलिक अधिकार है.'

अमेरिका में हाल ही में हुई मास शूटिंग की घटनाओं के चलते गन कंट्रोल की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सदी से भी अधिक समय पहले बनाए गए न्यूयॉर्क गन कानून को रद्द कर दिया. उस कानून के तहत लोग घर के बाहर बगैर लाइसेंस हथियार नहीं ले जा सकते थे. यह गन अधिकारों के लिहाज से बड़ी व्यवस्था है. कोर्ट के न्यायाधीशों का फैसला 6-3 के मत विभाजन के आधार पर आया.
जस्टिस क्लेरेंस थॉमस ने लिखा, 'न्यूयॉर्क उन आवेदकों को सार्वजनिक रूप से गन लेकर चलने का लाइसेंस जारी करता है, जो आत्मरक्षा के लिए ऐसा करने की मंजूरी मांगते हैं. राज्य की ये लाइसेंसिंग व्यवस्था संविधान का उल्लंघन करती है.' यह पहली बार है जब निजी तौर पर गन रखने के संवैधानिक अधिकार को लेकर कोर्ट ने ये टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अधिकार सार्वजनिक जगहों पर हथियार ले जाने की इजाजत भी देता है.
इस फैसले के बाद लोग न्यूयॉर्क, लॉस एंजिलिस तथा बोस्टन समेत अमेरिका के बड़े शहरों के साथ अन्य जगहों की सड़कों पर कानूनन हैंडगन लेकर चल सकेंगे. अमेरिका की एक चौथाई आबादी उन राज्यों में रहती है, जहां ये व्यवस्था प्रभावी होगी. यह एक दशक से भी अधिक समय में सुप्रीम कोर्ट का गन कल्चर को लेकर पहला निर्णय है. अदालत की व्यवस्था ऐसे समय आई है जब टेक्सास, न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में हाल ही में हुई सामूहिक गोलीबारी के बाद कांग्रेस हथियार कानून पर सक्रियता से काम कर रही है.

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