उच्च सदन चुनाव में शिंजो आबे की पार्टी जीत के करीब पहुंची, सहानुभूति का लाभ मिलने का दावा
जापान में सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी रविवार को हुए संसद के उच्च सदन के चुनाव में जीत के करीब है। सबसे प्रभावशाली नेताओं में एक शिंजो आबे की हत्या के दो दिन बाद हुए चुनाव में एलडीपी की 125 में से 70-80 सीटों पर जीत की संभावना है।
जापान में सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) रविवार को हुए संसद के उच्च सदन के चुनाव में जीत के करीब है। सबसे प्रभावशाली नेताओं में एक शिंजो आबे की हत्या के दो दिन बाद हुए चुनाव में एलडीपी की 125 में से 70-80 सीटों पर जीत की संभावना है।
एनएचके ने एक्जिट पोल के आधार पर दावा किया कि एलडीपी को आबे की हत्या से सहानुभूति का फायदा मिला। उच्च सदन के पास कार्यकारी ताकत नहीं हैं। वैसे राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आबे की अनुपस्थिति से एलडीपी कमजोर पड़ सकती है। 1955 से वह सत्ता में है।
आबे लैंगिक समानता और समान लिंग में शादियों के मुद्दे पर पारंपरिक रुख रखते थे। आबे की कट्टर राष्टवादी राजनीति की वजह से जापान में मतदाताओं का जितना ध्रुवीकरण हाल के दिनों में हुआ है, पहले कभी नहीं देखा गया।
घर में बंदूकें बनने से चिंता
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। गन वायलेंस के लिहाज से दुनिया के सबसे सुरक्षित जापान जैसे देश के सबसे ताकतवर राजनेता की एक आम शहरी ने जरा सी नाराजगी पर हत्या कर दी। शुरुआत में कैमरे जैसी दिख रही बंदूक को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि यह थ्रीडी प्रिंटर से बनाई गई है, लेकिन असल में यह हथगढ़ बंदूक इतनी बेतरतीब बनी थी कि 40 सेंटीमीटर लंबी बंदूक की नली को इसे डक्ट टेप से जोड़ा गया था।
पुलिस ने आरोपी के घर की तलाशी ली, तो वहां ऐसी कई और बंदूकें बरामद हुईं। जापान में ज्यादातर हिंसक हमलों में चाकू घोंपने, वाहन से कुचलने, पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने जैसे तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं, क्योंकि कठोर शस्त्र नियंत्रण कानूनों की वजह से बंदूकें बहुत जल्द पकड़ में आ जाती हैं। हमलावर खुद सेना में काम कर चुका था, लिहाजा उसका बंदूक बनाकर हमला करना चौंकाने वाला नहीं लगता है। लेकिन, इससे ज्यादा चिंता की बात यह है कि थ्रीडी प्रिंटर की मदद से बंदूक बनाने की बुनियादी जानकारी इंटरनेट पर सहज उपलब्ध है और थ्रीडी प्रिंटर भी आसानी से उपलब्ध होने लगे हैं।